Last Updated: Thursday, March 1, 2012, 12:41
नई दिल्ली : केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक याचिका दायर कर सकती है, जिसमें साल 2008 में 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंसों के आवंटन के लिए जो नीति उसने अपनाई थी उसकी उपयुक्तता पर सवाल उठाने वाले शीर्ष अदालत के आदेश की समीक्षा करने की मांग करेगी।
समीक्षा याचिका में नीति निर्माण के संबंध में शीर्ष अदालत के अधिकार क्षेत्र पर यह दलील देते हुए सवाल खड़ा किया जा सकता है कि न्यायालय के आदेशानुसार 2 जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से उसके नीतिगत उद्देश्य प्रभावित होंगे। सरकार यह भी पूछ सकती है कि क्या न्यायपालिका वैकल्पिक नीति पर फैसला कर सकती है जैसा उसने काफी कम मात्रा में उपलब्ध सभी प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी करने की बात सरकार से कहकर इस मामले में किया है।
सूत्रों ने कहा कि याचिका में न्यायालय के उन निर्देशों को चुनौती दी जा सकती है, जिसके तहत कहा गया है कि अधिकतम राजस्व वसूली के लिए फैसला करने में एकल मूल्य रणनीति अपनाई जाए। सरकार कह सकती है भारत इस तरह की नीति को वहन नहीं कर सकता।
याचिका में इस बात की दलील दी जा सकती है कि साल 2008 में जिस पहले आओ पहले पाओ की नीति के तहत 122 लाइसेंस आवंटित किए गए थे उसने दूरसंचार घनत्व को बढ़ाने और वायरलेस सेवा को वहनीय बनाने में मदद की थी।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, March 1, 2012, 22:28