Last Updated: Wednesday, September 14, 2011, 05:06
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोनई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए विस्फोट के एक सप्ताह बाद भी इस हमले के जिम्मेदार लोगों या विस्फोट के लिए इस्तेमाल की गई सामग्रियों का पता नहीं चल पाया है. जांच एजेंसियों के हाथ अब भी खाली हैं. कोई भी ऐसा सुराग नहीं मिल पाया है कि जिसके हाथ पर गुनहगारों तक पहुंचा जा सकता हो.
7 सितंबर को इसी वर्ष दिल्ली हाईकोर्ट में हुए विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई थी और 90 लोग घायल हो गए थे. विस्फोट की जांच एनआईए कर रही है। दिल्ली पुलिस ने इसे 400 सदस्यों वाली तीन टीम उपलब्ध कराई है.
विस्फोट के लिए तिथि और जगह का चुनाव काफी सोच समझ कर किया गया था. सप्ताह में एक ही दिन बुधवार को जनहित याचिका दाखिल की जाती है और इन याचिकाओं के लिए प्रवेश पास सिर्फ गेट संख्या पांच पर ही दी जाती है.
विस्फोट से ज्यादा से ज्यादा लोगों को नुकसान पहुंचाने की योजना थी, जिसमें जिम्मेदार गिरोह को कामयाबी मिली. विस्फोट के बाद आतंकवादी संगठन हरकत-उल-जेहादी इस्लामी (हूजी) ने इसकी जिम्मेदारी ली थी.
अगले दिन एक अन्य संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने ईमेल भेजकर विस्फोट की जिम्मेदारी ली और कहा कि हूजी का इसमें हाथ नहीं है. छानबीन में पता चला कि यह मेल कोलकाता से भेजा गया था.
एक तीसरे मेल में भी इंडियन मुजाहिदीन ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि अगला विस्फोट अहमदाबाद में होगा.इस मेल को भेजने वाले को गुजरात के पाटन में गिरफ्तार कर लिया गया.
एनआईए ने हमले की जांच के लिए 20 सदस्यीय मुख्य टीम और 17 अधिकारियों की एक सहायक टीम बनाई हैं.
दिल्ली पुलिस ने संदिग्ध लोगों के दो स्केच जारी किए हैं. सुराग देनेवालों को 10 लाख रुपए इनाम देने का ऐलान किया गया है.
स्केच से मिलते जुलते चेहरों वाले कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके बारे में जांच की जा रही है पर अभी तक कोई नतीजा सामने नहीं आया है. दिल्ली पुलिस के उपायुक्त अशोक चांद ने कहा कि हम अभी भी जांच कर रहे हैं. चांद 400 पुलिस कर्मियों वाली तीन विशेष टीम के प्रमुख हैं.
जांच एजेंसी ने विस्फोट में मारे गए लोगों के बारे में भी जांच की और इस नतीजे पर पहुंची कि मारे गए लोगों में कोई संदिग्ध नहीं है.
एनआईए ने विस्फोट वाले दिन मोबाइल फोन पर हुई बात की जानकारी करने के लिए विदेशी एजेंसी का भी सहयोग मांगा है.
पूरा सप्ताह गुजर जाने के बाद भी जांच एजेंसी के पास स्पष्ट रूप से कहने के लिए कुछ भी नहीं है.
First Published: Wednesday, September 14, 2011, 10:37