Last Updated: Monday, March 12, 2012, 06:27
नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा के साथ साथ आजीविका एवं आर्थिक सुरक्षा सहित पांच बडी चुनौतियों से निपटने की दिशा में काम करने का संकल्प व्यक्त करते हुए विश्वास जताया कि भारत आठ से नौ प्रतिशत की उंची विकास दर की स्थिति में वापस आ जाएगा ।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन पारंपरिक रूप से दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज देश के समक्ष पांच प्रमुख चुनौतियां हैं, जिन पर मेरी सरकार काम करेगी। आबादी के एक बडे हिस्से को आजीविका सुरक्षा प्रदान करने के लिए सतत प्रयास करना तथा देश से गरीबी, भूख और निरक्षरता समाप्त करने के लिए कार्यरत रहना ।’
उन्होंने दूसरी बडी चुनौती की चर्चा करते हुए कहा, ‘त्वरित एवं व्यापक विकास तथा जनता के लिए आजीविका आधारित कार्यों का सृजन करते हुए आर्थिक सुरक्षा प्राप्त करना ।’ प्रतिभा पाटिल ने तीन अन्य चुनौतियों में त्वरित विकास के लिए उर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना, पारिस्थितिकीय एवं पर्यावरण सुरक्षा को जोखिम में डाले बिना विकास लक्ष्य प्राप्त करना तथा न्यायसंगत, बहुलवाद, पंथनिरपेक्ष तथा समावेशी लोकतंत्र के दायरे में देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा सुनिश्चित करना गिनाया ।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के ईमानदार एवं कुशल प्रशासन देने की प्रतिबद्धता को जाहिर करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था जल्द ही चालू वित्त वर्ष के लिए अनुमानित सात फीसदी की जगह आठ से नौ फीसदी की विकास दर को पा लेगी। बजट सत्र के पहले दिन संसद के संयुक्त सत्र को सम्बोधित करते हुए पाटील ने सोमवार को कहा कि विश्व की अर्थव्यवस्था के लिए चालू वर्ष कठिन है और आर्थिक अनिश्चितताओं से पूरे विश्व के लोग प्रभावित हैं।
उन्होंने कहा, अंतर्राष्ट्रीय जगत में राजनीतिक अनिश्चितताएं एवं अशांति बढ़ गई है। पिछले एक वर्ष के दौरान हमारे सामने चुनौतियां बढ़ गई हैं। हमारी अर्थव्यवस्था 2010-11 के दौरान 8.4 फीसदी की दर से बढ़ी थी लेकिन इस वर्ष धीमी होकर यह सात फीसदी के करीब हो गई है।
पाकिस्तान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मामलों का हल बातचीत के जरिए करने के लिए प्रतिबद्ध हैं । यह ध्यान में रखते हुए कि पाकिस्तान के लिए आवश्यक है कि वह अपनी जमीन पर आतंकवादी गुटों और उनसे संबंधित ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे, अब तक हुई प्रगति को हम आगे बढाना चाहेंगे ।’
काले धन की चर्चा करते हुए पाटिल ने कहा कि सरकार काले धन की समस्या से निपटने के लिए विविध मोचरें पर कार्रवाई शुरू कर चुकी है । इस क्रम में बेनामी संव्यवहार कानून बन चुका है और धन शोधन निवारण कानून में संशोधन किया गया है । देश के भीतर और बाहर मौजूद काले धन का आकलन करने के लिए कई स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा अध्ययन कराया जा रहा है ।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम देश में अवैध निधियों के सृजन और उनके देश से बाहर जाने को रोकने के लिए कई कदम उठा रहे हैं तथा विदेश से काले धन संबंधी व्यापक सूचना प्राप्त करने के लिए चैनल स्थापित कर रहे हैं ।’
उन्होंने कहा कि 2012-13 में सरकार का लक्ष्य 85 लाख लोगों को और 12वीं योजना में कुल 800 लाख लोगों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है । देश में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत सरकार 13 हजार करोड रूपये की अनुमानित लागत से 1500 नये औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और पांच हजार कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना करेगी ।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकारी खर्च कम होने का उल्लेख करते हुए प्रतिभा ने कहा, ‘पिछले सात साल के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में लगातार बढते निवेश के बावजूद स्वास्थ्य मद पर सरकारी खर्च अभी भी कम है । सभी लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मेरी सरकार 12वीं योजना के अंत तक केन्द्र और राज्यों के कुल योजनागत एवं गैर योजनागत व्यय को बढाकर सकल घरेलू उत्पाद के ढाई प्रतिशत तक ले जाने का प्रयास करेगी ।
प्रतिभा पाटिल ने कहा कि 12वीं योजना की समाप्ति तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत करीब सात करोड परिवारों को स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा प्रदान की जाएगी ।
अल्पसंख्यकों को अन्य पिछडे वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण में से 4.5 प्रतिशत कोटा देने का वायदा दोहराते हुए उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक बहुल जिलों के लिए बहु क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम से 90 जिलों के सामाजिक-आर्थिक ढांचे में 3500 करोड रूपये से अधिक निवेश करने में सफलता मिली है ।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने सोमवार को कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) से देश की आंतरिक सुरक्षा में सुधार होगा। संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए पाटील ने कहा, नेशनल इंटेलीजेंस ग्रिड तथा एनसीटीसी का उद्देश्य आंतरिक सुरक्षा के खतरों से निपटने की क्षमता में सुधार करना है।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने सोमवार को कहा कि देश में परमाणु बिजली का उत्पादन 2017 तक दोगुना हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार सुरक्षा से सम्बंधित पहलुओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में कुल 4,780 मेगावाट परमाणु बिजली उत्पादन की क्षमता स्थापित कर ली गई है, जिसे 12वीं योजना अवधि (2012-17) में बढ़ाकर 10,080 मेगावाट किया जाएगा।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 13, 2012, 10:17