HC का पुलिस से सवाल, नई दिल्‍ली में बार-बार धारा 144 क्‍यों?

HC का पुलिस से सवाल, नई दिल्‍ली में बार-बार धारा 144 क्‍यों?

HC का पुलिस से सवाल, नई दिल्‍ली में बार-बार धारा 144 क्‍यों? ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी

नई दिल्‍ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने दो सप्‍ताह पहले पैरामेडिकल की एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान शांति बनाए रखने के लिए इंडिया गेट और उसके आसपास निषेधाज्ञा लागू करने के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की।

सुनवाई के दौरान दिल्‍ली हाईकोर्ट ने पुलिस से सवाल किया कि नई दिल्‍ली में बार-बार धारा 144 क्‍यों लगाई गई। कोर्ट ने यह भी पूछा कि गैंगरेप के विरोध प्रदर्शन के दौरान विरोध यदि शांतिपूर्ण था तो कानून व्‍यवस्‍था क्‍यों नहीं बनाए रखी गई। हालांकि, जनहित याचिका पर दिल्‍ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

गौर हो कि दिल्ली हाईकोर्ट ने गैंगरेप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान इंडिया गेट और उसके आसपास निषेधाज्ञा लागू करने के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने के लिए बीते दिनों सहमति दी थी। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी की पीठ ने मामले पर सुनवाई के लिए बुधवार (दो जनवरी) का दिन मुकर्रर किया था। इससे पहले, संक्षिप्त सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त सालिसिटर जनरल सिद्धार्थ लूथरा ने धारा 144 लागू करने को न्यायोचित ठहराते हुए कहा था कि सार्वजनिक शांति बनाये रखने के लिए ऐसा करना जरूरी था।

गौर हो कि दिल्ली निवासी वकील आनंद के. मिश्रा ने गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल कर 22 दिसंबर को जारी निषेधाज्ञा को असंवैधानिक तथा अवैध घोषित करने का अनुरोध किया। जनहित याचिका में मांग की गई कि स्वतंत्रता से घूमने और शांतिपूर्ण तरीके से एकत्रित होने के नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन करने के लिए कानून का दुरुपयोग करने के लिए प्रतिवादियों पर जुर्माना लगाया जाए।

First Published: Wednesday, January 2, 2013, 17:49

comments powered by Disqus