Last Updated: Friday, March 29, 2013, 08:38

लखनऊ: अखिलेश राज में पुलिस नियंत्रण से बाहर हैं, और पीड़ित को थाने में जाने से डर लगता है, जिससे अपराधियों के हौसले बढ़े हैं जिसके कारण वे बेखौफ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने भाजपा मुख्यालय पर सपा सरकार पर आरोप लगाते हुये यह बात कही।
सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुये पाठक ने गुरुवार को संवदादाताओं से बातचीत में कहा है कि मुख्यमंत्री के तमाम दावों और नसीहतों के बावजूद हत्या, अपहरण व दुष्कर्म जैसे गम्भीर मामलों में पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही। उन्होंने कहा है कि चंदौली में जिस तरह से ओरवां गांव के किसान परिवार की 12 वर्ष की बेटी के साथ दुराचार किया गया और जब इस घटना की प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए पीड़ित लोग थाने गये तो प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। उसके बाद जो अराजकता का माहौल पनपा उसकी जितनी निन्दा की जाये कम है।
पाठक ने कहा है कि पूरे मामले में आखिर क्यों लापरवाही बरती गयी। जब भीड़ एकत्रित होना शुरू हुई तो क्यों नहीं पर्याप्त सुरक्षा के इंतेजाम किये गये। अब जब लापरवाही उजागर हो गई तो पूरे घटनाक्रम पर लीपा-पोती चल रही है। उन्होंने घटनाक्रम के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री लगातार थानों में एफआईआर लिखे जाने, यहां तक कि एफआईआर को आनलाइन दर्ज किये जाने के दावे तो कर रहे हैं पर वास्तिविकता यह है कि थानों में एफआईआर पंजीकृत कराने के लिए आम आदमी को नाको चने चबाने पड़ रहे हैं।
पाठक ने कहा है कि राज्य में बढते अपराधों को रोक पाने में विफल मुख्यमंत्री अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए लगातार विपक्ष और मीडिया पर घटनाओं को बढ़ा-चढ़ा कर बताने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनहोंने कहा है कि अब मुख्यमंत्री जनता को यह तो बताये कि उनके तमाम दावों के बावजूद चंदौली में पुलिस द्वारा बलात्कार की घटना की र्पिोट दर्ज न किये जाने में देरी पर क्या कार्रवाई हुई।
भाजपा प्रवक्ता ने मांग की कि चंदौली की घटना में लापरवाही बरतने वाले दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाये और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाये साथ ही दुष्कर्म पीड़ित बच्ची के परिजनों सहित सुरक्षा प्रदान करते हुए न्याय दिलाया जाये। (एजंसी)
First Published: Friday, March 29, 2013, 08:38