Last Updated: Monday, January 2, 2012, 13:13
नई दिल्ली : तिहाड़ जेल में मादक पदाथरे की तस्करी करने वालों की नाक में नकेल कसने के लिए जेल अधिकारियों ने कुत्तों की मदद लेने का फैसला किया है। जेल में तमाम उपकरणों के लगे होने के बावजूद कुछ कैदी वहां प्रतिबंधित पदार्थ लाने में सफल हो जाते हैं।
इसी को रोकने के लिए अधिकारियों ने कुत्तों को इस काम पर लगाने का फैसला किया है। यह काम ‘लैब्राडोर’ और ‘स्टैटली अलास्टियंस’ की टीम को सौंपा गया है। इन्हें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) प्रशिक्षित कर रही है।
तिहाड़ जेल के उप महानिरीक्षक आरएन शर्मा ने बताया कि लैब्राडोर और स्टैटली अलास्टियंस को आईटीबीपी ने भानु स्थित राष्ट्रीय श्वान प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षित किया गया है। यह कैदियों के शरीर में छुपे उन मादक पदार्थो का भी पता लगा लेंगे, जिन्हें सामान्य उपकरण नहीं खोज पाते।
उन्होंने बताया कि उन्हें एक से ज्यादा प्रकार के मादक पदाथरें को पहचानने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इन्हें शरीर में छुपाए गए मादक पदाथरें को भी खोजने का प्रशिक्षण दिया गया है।
First Published: Monday, January 2, 2012, 18:43