Last Updated: Monday, June 24, 2013, 17:26

अहमदाबाद : गुजरात उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने अतिरिक्त डीजीपी पी पी पांडेय की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। इस याचिका में इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति एस आर ब्रह्मभट्ट ने सोमवार को पांडेय की याचिका पर सुनवाई नहीं करने का फैसला किया। उन्होंने इस आधार पर याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया कि उन्होंने पूर्व में एक वकील के तौर पर डी जी वंजारा का प्रतिनिधित्व किया था। वंजारा भी इस मामले में आरोपी हैं।
वंजारा को सीबीआई ने इशरत मामले में चार जून को गिरफ्तार किया था और तब से यहां साबरमती केंद्रीय कारागार में बंद हैं। वंजारा साल 2006 के सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में भी मुख्य आरोपियों में से एक हैं।
इशरत मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि पांडेय ने साथी अधिकारियों को ‘कथित महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी’ मुहैया कराई। उसमें कहा गया था कि कॉलेज छात्रा इशरत और लश्कर-ए-तय्यबा के तीन अन्य आतंकवादी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के मिशन पर थे। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 24, 2013, 17:26