इशरत के परिवार को जान से मारने की धमकी, सुरक्षा मांगी

इशरत के परिवार को जान से मारने की धमकी, सुरक्षा मांगी

इशरत के परिवार को जान से मारने की धमकी, सुरक्षा मांगीज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसी

अहमदाबाद/मुंबई : साल 2004 में गुजरात पुलिस की कथित फर्जी मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहां के परिवार के सदस्यों ने गुरुवार को अपनी जान को खतरा होने का दावा किया और पर्याप्त सुरक्षा की मांग की। परिवार ने केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। उधर, गृह मंत्रालय ने परिवार को पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज कहा कि अगर इशरत का परिवार सुरक्षा की मांग करेगा तो उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इशरत के परिवार की सरकार को चिंता है।

इशरत की मां शमीमा कौसर ने अपने वकील के जरिए केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी को लिखे पत्र में अपनी, अपने बच्चों के साथ-साथ रउफ लाला और मोहिनुद्दीन इस्माइल सैयद की जान, स्वतंत्रता और सुरक्षा को खतरा बताया और सुरक्षा की मांग की। रउफ लाला और मोहिनुद्दीन इस्माइल सैयद न्याय के लिए उनकी लड़ाई का समर्थन कर रहे हैं।

इशरत और तीन अन्य के अहमदाबाद के निकट मारे जाने के नौ साल बाद सीबीआई ने फर्जी मुठभेड़ के लिए गुजरात पुलिस के सात अधिकारियों के खिलाफ पिछले सप्ताह आरोप पत्र दायर किया था। इशरत का परिवार मुंबई से सटे ठाणे के मुंब्रा में रहता है। संवाददाता सम्मेलन को यहां संबोधित करते हुए इशरत की बहन मुशर्रत ने कहा कि मेरा परिवार और जो लोग हमारा समर्थन कर रहे हैं उनकी जान को खतरा है। जो लोग नहीं चाहते हैं कि हम न्याय के लिए लड़ें, वे हमें धमका रहे हैं।

साथ ही उसने कहा कि कल हमारी इमारत के बाहर ढेर सारे पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया। हालांकि, देर रात ढाई बजे के करीब खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए लोगों के एक समूह ने हमारे दरवाजे को खटखटाया और जानना चाहा कि क्या हम सुरक्षित हैं। वे दरवाजे को पीटते रहे और आपस में कुछ बातचीत करने के बाद चले गए। यह स्पष्ट है कि वे हमें नुकसान पहुंचाने आए थे। मुशर्रत ने दावा किया कि आज सुबह जब हमने मुंब्रा पुलिस से पूछा कि क्या उन्होंने कल रात हमारे घर पर किसी को भेजा था तो पुलिसकर्मियों ने नकारात्मक जवाब दिया।

एक अन्य घटना का हवाला देते हुए इशरत के चाचा रउफ लाला ने कहा कि जब वह और उनके परिवार के सदस्य 18 जून और 19 जून की दरम्यानी रात को हवाई अड्डे से कार से घर लौट रहे थे तो दो सशस्त्र लोगों ने वाहन पर हमला किया और पिछले शीशे को तोड़ दिया। रउफ लाला ने कहा कि हमलावरों को भीड़ ने पकड़ लिया और मुंब्रा थाने ले गए। उनके पास से देसी आग्नेयास्त्र बरामद किया गया। यह स्पष्ट है कि आरोपी ने वाहन पर गोली दागी। लेकिन पुलिस ने अपराध को हल्का कर दिया और सड़क दुर्घटना का मामला दर्ज किया और दोनों को छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि बाद में जांच में खुलासा हुआ कि हमलावरों में से एक फिरोज कालिया सुपारी लेकर हत्या करने वाला व्यक्ति था। उन्होंने कहा कि जब वे हरियाणा में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए तो तकरीबन 30 किलोमीटर तक एक वाहन ने उनका पीछा किया।

गौर हो कि 15 जून 2004 को इशरत जहां को गुजरात पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अहमदाबाद के बाहर कथित फर्जी एनकाउंटर में मार गिराया था। 19 साल की इशरत मुंबई के एक कॉलेज की छात्रा थी। इशरत के साथ तीन अन्य लोगों की भी मुठभेड़ में मौत हुई थी। सीबीआई ने इस मामले मे हाल ही में चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई ने एनकाउंटर को फर्जी करार देते हुए कहा था कि इशरत जहां आतंकी नहीं थी। चार्जशीट में छह पुलिस अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है जिन पर हत्या, हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।

First Published: Thursday, July 11, 2013, 15:46

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