Last Updated: Friday, June 28, 2013, 10:57
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गंगा, शारदा और घाघरा नदियों का जलस्तर कई जगहों पर खतरे के निशान को पार कर गया है जिससे लोग काफी डरे हुए हैं। करीब दर्जनभर जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। जलस्तर में वृद्धि होते देख लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। इस बीच प्रशासन भी राहत एवं बचाव कार्य में युद्ध स्तर पर जुटा हुआ है। इन तीन प्रमुख नदियों के अलावा यमुना, गोमती, राप्ती, गंडक दितया का जलस्तर भी काफी तेजी से बढ़ रहा है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले 36 घंटों के दौरान कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की सम्भावना है, जिससे लोगों की मुश्किलों का सामान करना पड़ सकता है। बहराइच में करीब 80 बीघा जमीन पानी में डूब गई है। गोंडा में सरयू बैराज से पानी छोड़े जाने से घाघरा खतरे के निशान से छह सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। बांधों में हो रहे कटाव एवं रिसाव से आसपास के इलाकों में ग्रामीण पूरी तरह से भयभीत हैं।
राज्य के 15 जिलों में गुरुवार को 25 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इस बीच केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण विभाग ने जानकारी दी कि हरिद्वार के भीम गौडा से करीब 87 हजार क्यूसेक जबकि चरण सिंह बैराज से करीब 89 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
नरोरा में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 0.20 मीटर ऊपर पहुंच गया है। एल्गिन ब्रिज में घाघरा नदी खतरे के निशान से 0.46 मीटर ऊपर बह रही है जबकि अयोध्या में भी जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। राज्य में बाढ़ की चपेट में आए करीब एक दर्जन जिलों में हजारों लोगों ने बाढ़ राहत शिविरों में शरण लिया है। प्रशासन की तरफ से प्रभावितों को लगातार राहत सामग्री भी पहुंचाई जा रही है। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 28, 2013, 10:57