उत्तर प्रदेश में जल सत्याग्रह, सरकार बेफिक्र

उत्तर प्रदेश में जल सत्याग्रह, सरकार बेफिक्र

गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में सरयू नदी पर पुल बनाने की मांग को लेकर पिछले आठ दिनों से लोग जल सत्याग्रह कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर अपनी उपलब्धियां गिनाने में जुटी हुई है।

गोरखपुर जिले में सरयू नदी के कम्हरिया घाट पर पक्के पुल के निर्माण को लेकर सर्वहितकारी संघर्ष समिति के बनैर तले लोग पिछले आठ दिनों से जल सत्याग्रह कर रहे हैं। इसमें बच्चे, बूढ़े और महिलाएं भी शामिल हैं। पिछले आठ दिनों से जारी सत्याग्रह की वजह से कई महिलाओं की तबीयत भी खराब हो चुकी है। जिले के आला अधिकारियों ने हालांकि सत्याग्रहियों से बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन सत्याग्रही अपनी मांगें माने जाने तक आंदोलन से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं।

शुरुआती दौर में इस आंदोलन को उतनी तवज्जो नहीं दी गई, लेकिन धीरे-धीरे सत्याग्रहियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, जिससे प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सत्याग्रहियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे जलसमाधि भी ले सकते हैं। समिति से जुड़े एन. के. सिंह ने कहा कि कम्हरिया घाट पर पक्का पुल बनाने की मांग को पूरा करने का आश्वासन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खुद दिया था, लेकिन अब सरकार इस पुल के निर्माण का काम शुरू करने में आनाकानी कर रही है।

राज्य सरकार की इस बेरुखी पर विपक्षी भी सवाल उठा रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री खुद ही आश्वासन देकर आए हैं, तो सरकार इसका निर्माण कार्य क्यों नहीं करा रही? वाजपेयी ने समिति के जल सत्याग्रह के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि जब अखिलेश ने आश्वासन दिया है तो लोगों की उम्मीद बढ़नी स्वाभाविक है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, April 24, 2013, 14:53

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