Last Updated: Sunday, June 16, 2013, 11:58
आजादी के बाद से पांच हजार से अधिक परियोजनाओं के नाम पर ठोस कानून के अभाव और विस्थापन से आजीविका संकट, पुनर्वास का दंश झेल रहे लाखों लोगों और किसानों ने अलग-अलग रूपों में विरोध कर अपनी पीड़ा व्यक्त की और अब किसानों का नया हथियार ‘जल सत्याग्रह’ बन कर उभरा है।