उत्‍तर प्रदेश के 15 जिले बाढ़ की चपेट में

उत्‍तर प्रदेश के 15 जिले बाढ़ की चपेट में

लखनऊ : उत्तराखंड और नेपाल के बैराजों से पानी छोड़े जाने और प्रदेश के विभिन्न अंचलों में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश की वजह से उत्तर प्रदेश की लभगभग सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। गंगा, सरयू, शारदा, यमुना और घाघरा नदियां कई जिलों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

सूबे के लगभग 18 जिलों में बाढ़ का संकट एक फिर गहराता जा रहा है। राज्य में पूर्वाचल के जिलों में बाढ़ की वजह से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। गाजीपुर, बलिया, वाराणसी, गोरखपुर और कुशीनगर में गंगा और गंडक नदियों का पानी खतरे के निशान को पार कर गया है। बाढ़ की वजह से निचले इलाकों में भारी तबाही मची है और बड़े पैमाने पर नुकसान की आंशका जताई जा रही है।

इस बीच मौसम विभाग ने अनुमान जाहिर किया है कि 21 अगस्त तक प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। बाढ़ एवं सिंचाई विभाग के अनुसार नरौरा, गाजीपुर, बलिया में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि मथुरा में यमुना नदी, लखीमपुर खीरी में शारदा और पलिया कला में घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

इसी तरह रामपुर, आगरा, बागपत, कन्नौज, इटावा और बांदा में भी प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। इससे सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में मानसून शुरू होने से लेकर अब तक कुल 233 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रभावितों की संख्या लगातार बढ़ने से राहत कार्य में लगे प्रशासन की भी हालत खराब होती जा रही है।

अधिकारियों ने हालांकि दावा किया है कि राहत एवं बचाव कार्य में कहीं भी किसी तरह की कोताही नहीं बरती जा रही है। राज्य के बाढ़ एवं राहत कार्यालय के मुताबिक 15 जिलों की 16 तहसीलों में करीब 300 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। इन गांवों में लगभग पांच हजार से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं। (एजेंसी)

First Published: Monday, August 19, 2013, 13:00

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