Last Updated: Tuesday, October 1, 2013, 12:13
नई दिलली : दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने आज कहा कि उर्दू को दिल्ली सरकार की दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की दिशा में सभी प्रयास किए जाएंगे। गैर सरकारी संगठन, फेडरेशन फोर एजुकेशनल डेवलपमेंट (एफईडी) द्वारा आयोजित ‘दिल्ली के अल्पसंख्यक: समस्या एवं समाधान’ सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की तरफ से इच्छाशक्ति की कमी नहीं है लेकिन किसी चीज आकार देने में समय लगता है। एफईडी ने दीक्षित को एक 15 सूत्री ज्ञापन सौंपते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के समग्र विकास के लिए सच्चर समिति की रिपोर्ट के पूर्ण क्रियान्वयन और उर्दू को दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की मांग की।
दीक्षित ने कहा, उर्दू एक मीठी जबान है, इसका जन्म दिल्ली में ही हुआ लेकिन मैं आपको भरोसा दे सकती हूं कि हम इसे खत्म नहीं होने देंगे। मैं आपको भरोसा दे सकती हूं कि हममें इच्छाशक्ति की कमी नहीं है लेकिन कुछ चीजों को आकार देने में समय लगता है और हम इस भाषा का दर्जा बढ़ाने के लिए सभी प्रयास करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 1, 2013, 12:11