Last Updated: Thursday, June 27, 2013, 20:10

नई दिल्ली : केदारनाथ में विधि विधान से पूजा शुरू कराने से पहले मंदिर की साफ सफाई के लिए मंदिर समिति शुक्रवार को 10 सदस्यीय नई टीम वहां भेजेगी जिसके बाद मंदिर का शुद्धिकरण होगा। उत्तराखंड में आई भीषण बाढ़ में सबसे ज्यादा नुकसान केदारनाथ क्षेत्र को ही हुआ है हालांकि मंदिर सुरक्षित है।
बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष और श्रीनगर के विधायक गणेश गोदियाल ने श्रीनगर से फोन पर बताया कि मंदिर में अभी नियमित पूजा शुरू नहीं हुई है। अभी वहां काफी मलबा जमा है जिसकी सफाई के लिए हम शुक्रवार को हेलीकॉप्टर से दस सदस्यीय टीम भेज रहे हैं। टीम की अगुवाई केदारनाथ के कार्यकारी अधिकारी अनिल शर्मा करेंगे। मैं भी परसों वहां पहुंच जाऊंगा।
उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर से सारे शव हटा दिए गए हैं। शिवलिंग रेत में डेढ़ फुट भीतर चला गया है लेकिन उसे कोई हानि नहीं हुई है। मंदिर के भीतर मलबा जमा है जिसे कुछ हद तक मंदिर समिति और एनडीआरएफ के जवानों ने हटाया। अब यह नई टीम शुक्रवार को जा रही है। गोदियाल ने कहा कि चूंकि बाढ़ में मंदिर समिति के भी कई कर्मचारी लापता हो गए हैं लिहाजा हमें नई टीम बनानी पड़ी।
मंदिर में पूजा शुरू होने की मीडिया में आ रही खबरों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि पुजारियों की मौजूदगी में विधि विधान से अभी कोई पूजा नहीं हुई है जो लोग बाढ में बच गए हैं, वे शंकरजी को अगरबत्ती, फूल और बेलपत्र चढ़ा रहे हैं। यह उनकी आस्था है। उन्होंने कहा कि सफाई के बाद शंकराचार्य और रावलजी (भीमशंकर लिंग शिवाचार्य, केदारनाथ के मुख्य पुरोहित) के मार्गदर्शन में शुद्धिकरण के बाद पूजा संपन्न होगी। इसमें 15 दिन का समय लग जाएगा।
वहीं केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने बताया था कि मंदिर से चलायमान मूर्तियां नीचे उखीमठ लाई जा चुकी है जहां आम तौर पर ठंड के महीने में उनकी स्थापना की जाती है। उन्होंने कहा कि हम आम तौर पर ठंड में मूर्तियां नीचे लाते हैं लेकिन बाढ के कारण पहले लाना पड़ा। अब केदारनाथ मंदिर के शुद्धिकरण के बाद ही वहां पूजा शुरू होगी। जब तक शुद्धिकरण नहीं होगा, वहां पूजा नहीं हो सकती। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 27, 2013, 18:16