Last Updated: Friday, September 27, 2013, 18:56
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पूर्व विमान परिचारिका हत्याकांड के मुख्य आरोपी, हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा और उनकी सहयोगी अरुणा चड्ढ़ा की जमानत रद्द करने की मांग वाली पुलिस की दलील के बाबत दोनों को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति जे.आर. मिधा ने उन्हें जमानत देने के निचली अदालत के आदेश को खारिज करने वाली, पुलिस की याचिका पर कांडा और चड्ढा से एक अक्टूबर तक जवाब मांगा है।
कांडा इस आत्महत्या मामले में 13 महीने जेल में गुजार चुके हैं। कांडा को चार सितंबर को दिल्ली के एक न्यायालय से राज्य विधानसभा में भाग लेने के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी। वह हरियाणा विधानसभा में सिरसा का प्रतिनिधित्व करते हैं। गुरुवार को जमानत विस्तार के लिए वह निचली अदालत भी पहुंचे थे। कांडा की सह-आरोपी और पूर्व कर्मचारी अरुणा चड्ढा को भी 15 नवंबर तक की अंतरिम जमानत मिली हुई है।
पुलिस कांडा की जमानत के आदेश रद्द करने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय गई थी। पुलिस ने कहा था कि कांडा एक `प्रभावशली` व्यक्ति हैं और आगे की जांच बाधित करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने की कोशिश कर सकते हैं।
कांडा और उनकी सहयोगी अरुणा चड्ढा, 23 वर्षीया पूर्व विमान परिचारिका को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी हैं। पूर्व विमान परिचारिका ने 4-5 अगस्त, 2012 को आत्महत्या कर ली थी। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 27, 2013, 18:56