Last Updated: Friday, October 19, 2012, 20:19
अहमदाबाद : निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट द्वारा दाखिल जनहित याचिका के संबंध में गुजरात हाईकोर्ट के आदेश मद्देनजर राज्य सरकार ने 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े कुछ दस्तावेज नानावटी आयोग को सौंपे हैं।
भट्ट न्यायमूर्ति नानावटी जांच आयोग के दफ्तर गए। उन्होंने कहा कि आयोग ने मुझे सूचित किया है कि राज्य सरकार ने दस्तावेज सौंपे हैं जो मैंने कल शाम देने को कहा था। अधिकारी इन दस्तावेजों की सूची तैयार कर रहे हैं और यह काम पूरा होने के बाद वे मुझे जांच के लिए जानकारी देंगे। भट्ट ने 2002 के गुजरात दंगों में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की संलिप्तता का आरोप लगाया था और उन पर उच्चतम न्यायालय में दंगे से जुड़े मुकदमे को नुकसान पहुंचाने के लिए राज्य के गोपनीय सेवा कोष के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया था।
भट्ट ने अपने आरोपों के समर्थन में हलफनामा दाखिल करने के लिए 27 फरवरी से 17 सितंबर, 2002 तक की अवधि से जुड़े संवेदनशील दस्तावेजों का अध्ययन करने की मांग की थी। भट्ट ने हाल ही में एक जनहित याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी।
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने अदालत के समक्ष कहा था कि दस्तावेज पहले ही आयोग के समक्ष रखे जा चुके हैं। त्रिवेदी ने आश्वासन दिया था कि अगर कोई दस्तावेज नहीं रखा गया है तो सरकार की ओर से मैं आयोग के समक्ष इन दस्तावेजों को रखने का वचन देता हूं।
आयोग में न्यायमूर्ति जीटी नानावटी और न्यायमूर्ति अक्षय मेहता हैं। आयोग की नियुक्ति राज्य सरकार ने गुजरात में गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद भड़के दंगों की जांच के लिए की थी। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 19, 2012, 20:19