Last Updated: Thursday, January 31, 2013, 14:19
लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने आज उत्तर प्रदेश सरकार को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस कहे जा रहे फैजाबाद निवासी गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी की सही पहचान की पड़ताल करने के लिए एक समिति के गठन पर विचार करने के निर्देश दिए।
न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह तथा न्यायमूर्ति वीरेन्द्र कुमार दीक्षित की पीठ ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की भांजी ललिता बोस तथा दो अन्य लोगों की दो अलग-अलग याचिकाओं पर यह आदेश दिया है। अदालत ने कहा, ‘राज्य सरकार को निर्देश दिया जाता है कि वह फैजाबाद स्थित राम भवन में रहने वाले और 18 सितम्बर 1985 को पंचतत्व में विलीन हुए गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी की पहचान की पड़ताल करने के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में विशेषज्ञों तथा उच्च अधिकारियों की एक समिति तीन महीने के अंदर बनाने पर विचार करे।’
अदालत ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्देश में कहा कि सरकार फैजाबाद में एक व्यवस्थापक की निगरानी वाला संग्रहालय खोलने पर भी विचार करे, जिसमें गुमनामी बाबा से जुड़ी चीजों तथा सम्बन्धित अन्य प्राचीन वस्तुओं को वैज्ञानिक ढंग से रखा जाए। अदालत ने सम्बन्धित पक्षकारों को न्यायालय के निर्देशों की अनुपालन रिपोर्ट चार महीने के अंदर पेश करने के आदेश भी दिये थे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 31, 2013, 14:19