Last Updated: Wednesday, February 29, 2012, 06:26
ज़ी न्यूज ब्यूरोअहमदाबाद : अहमदाबाद की एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने बुधवार को यहां जकिया जाफरी की उस अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसके तहत उन्होंने गुजरात दंगों से जुड़ी अपनी शिकायत पर विशेष जांच टीम (एसआईटी) की रिपोर्ट को खोलने और पढ़ कर सुनाने की मांग की थी। मजिस्ट्रेट एमएस भट्ट ने जकिया और एसआईटी की ओर से पेश की गई दलीलें विस्तार से सुनी और इसके बाद अपना आदेश तीन मार्च के लिए सुरक्षित रख लिया।
गौरतलब है कि जकिया कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी हैं। वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के दौरान एहसान की मौत हो गई थी। एसआईटी ने जकिया की शिकायत पर अदालत को बंद लिफाफे में अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी। जकिया की शिकायत में 2002 के दंगों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, अन्य शीर्ष नेताओं, पुलिस अधिकारियों और नौकरशाहों के संलिप्त होने का आरोप लगाया गया था। जकिया के वकीलों ने आज दलील दी कि रिपोर्ट को खोलने के अनुरोध का विरोध करने का एसआईटी को कोई अधिकार नहीं है क्योंकि अदालत को सौंपे जाने के बाद यह रिपोर्ट एक सरकारी दस्तावेज बन गया है।
इस तक कोई भी पहुंच सकता है और चूंकि जकिया शिकायतकर्ता हैं, इसलिए एसआईटी को विरोध नहीं करना चाहिए। जकिया के वकीलों ने कहा कि वे इस बात को नहीं समझ सकें कि अभियोजन (एसआईटी) उनकी अर्जी का विरोध क्यों कर रहा है जबकि यह एसआईटी की ड्यूटी है कि वह असली गुनहगारों के खिलाफ मामला दर्ज करे। वहीं, एसआईटी के वकील आरएस जमौर ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि उसने एक पूर्ण रिपोर्ट नहीं सौंपी है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 29, 2012, 20:10