Last Updated: Thursday, January 17, 2013, 14:52

नई दिल्ली : केन्द्र सरकार ने झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की । प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में सुबह हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तय किया गया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की जाएगी ।
बैठक में झारखंड के राज्यपाल सैयद अहमद की रिपोर्ट पर चर्चा की गयी । उन्होंने ही राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी । कैबिनेट ने तय किया कि राज्यपाल की सिफारिश को स्वीकार किया जाए और इसे आवश्यक कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाए ।
झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा प्रदेश की गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने इस्तीफा दिया था ।
झारखंड का गठन 2000 में हुआ था और राज्य में दो बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है । मौजूदा संकट आठ जनवरी को शुरू हुआ था जब भाजपा के गठबंधन साझेदार झामुमो ने राज्यपाल को पत्र लिखकर औपचारिक रूप से सरकार से समर्थन वापस ले लिया था ।
झारखंड विधानसभा में 82 सीटें हैं । भाजपा और झामुमो की अटठारह अटठारह सदस्य हैं । आल झारखंड स्टूडेण्टस यूनियन के छह, जदयू के दो, दो निर्दलीय और एक मनोनीत सदस्य गठबंधन सरकार के साथ थे ।
विपक्षी कांग्रेस के पास 13 सदस्य हैं । झारखंड विकास मोर्चा (पी) के 11, राजद के पांच तथा भाकपा माले ( लिबरेशन), मार्क्सवादी समन्वय पार्टी, झारखंड पार्टी ( एक्का ), झारखंड जनाधिकार मंच और जय भारत समता पार्टी के एक एक सदस्य हैं जबकि एक सदस्य निर्दलीय है । (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 17, 2013, 12:17