Last Updated: Saturday, July 13, 2013, 13:15
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली/देहरादून : उत्तराखंड में केदारनाथ के बाद अब बद्रीनाथ पर भीषण तबाही के खतरे मंडरा रहे हैं। बद्रीनाथ के ऊपर अलकनंदा नदी के उद्गम स्थल के पास ही भूस्खलन से नदी का प्रवाह रूक सा गया है और इससे वहां एक अस्थायी झील बन गई है। हालांकि इसमें पानी बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन इस बात की प्रबल आशंका है कि भारी बारिश, भूस्खलन या फिर बादल फटने जैसी स्थिति में कभी भी झील का अस्थायी रोक तहस-नहस हो सकता है जिससे एक और विनाश हो सकता है। यह झील करीब 450 मीटर लंबी है और एरिया करीब 2,550 स्क्वेयर मीटर के आसपास है।
विशेषज्ञ अधिकारियों ने हालांकि अभी तुरंत किसी प्रकार के खतरे से इन्कार किया है क्योंकि पानी का बहाव अभी जारी है। स्थिति की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। एक अखबार के अनुसार बद्रीनाथ, माना और पांडुकेश्वर इलाके को अलर्ट कर दिया गया है। इसरो के हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) द्वारा जारी की गई एक सेटेलाइट फोटो के बाद इस खतरे के बारे में पता चला।
एनआरएससी के मुताबिक 15-17 जून को हुई भारी बारिश के दौरान हुए भू स्खलन के कारण यह झील बनी है। यह ठीक अलकनंदा के उद्गम स्थल के पास ही बनी है। यह भागीरथ खड़क और सतोपंथ ग्लेशियर के पास नीचे की ओर है जो बदरीनाथ से ठीक 8 किलोमीटर की दूरी पर है।
First Published: Saturday, July 13, 2013, 13:15