Last Updated: Wednesday, December 5, 2012, 16:38
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने ताज कारिडोर मामले में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और उनकी सरकार में काबीना मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं देने सम्बन्धी तत्कालीन राज्यपाल टी. वी. राजेस्वर के आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर पक्षकारों, केन्द्र सरकार, राज्य सरकार तथा सीबीआई को हलफनामे के जरिये 18 दिसम्बर तक अपने जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं।
न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह तथा न्यायमूर्ति सतीश चंद्रा की खंडपीठ ने यह आदेश स्थानीय अधिवक्ता शचीन्द्र प्रताप सिंह की याचिका पर दिया।
याचिका में तत्कालीन राज्यपाल टी. वी. राजेस्वर के तीन जून 2007 के आदेश को रद्द किये जाने समेत सीबीआई को कानून सम्मत कार्रवाई करने के निर्देश देने का आग्रह किया गया है।
याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता चंद्रभूषण पाण्डेय ने मामले की ग्राहयता के बिंदु पर सुनवाई के दौरान कहा कि तत्कालीन राज्यपाल का तीन जून 2007 का आदेश कानून सम्मत नहीं था ऐसे में यह निरस्त किये जाने योग्य है।
उधर, केन्द्र सरकार की तरफ से अपर सालीसिटर जनरल अशोक निगम ने याचिका पर शुरुआती आपत्ति उठायी कि यह याचिका ग्राहय नहीं है, क्योंकि वह तत्कालीन राज्यपाल के आदेश जारी करने के काफी साल बाद दायर की गयी है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 5, 2012, 16:38