Last Updated: Monday, April 16, 2012, 17:22
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) ने राज्य में दलितों के स्मारकों में खाली पड़ी जमीन पर अस्पताल और कालेज खुलवाने के प्रदेश सरकार के फैसले का कड़ा विरोध कर रही पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती को तल्ख चेतावनी देते हुए सोमवार को कहा कि अगर उन्होंने इस मुद्दे पर दलितों में उत्तेजना पैदा करने की कोशिश की तो कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने यहां जारी बयान में कहा कि राज्य सरकार ने बसपा के पूर्ववर्ती शासनकाल में दलित महापुरुषों के स्मारकों में लगी मूर्तियों को तोड़ने नहीं बल्कि खाली पड़ी जगह का सदुपयोग करने की बात कही है। अगर मायावती दलितों के बीच गलतफहमी फैलाकर उन्हें उग्र विरोध के लिये उकसाती हैं तो कानूनन कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, दलित महापुरुषों के सम्मान का सवाल उठाने वाली मायावती के कुप्रचार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह कहकर समाप्त कर दिया है कि स्मारकों में लगी मूर्तियां तोड़ी नहीं जाएंगी, बस उन परिसरों में खाली पड़ी जमीन का दुरुपयोग किया जाएगा।
गौरतलब है कि मायावती ने गत 14 अप्रैल को कहा था कि प्रदेश सरकार को दलित महापुरुषों के स्मारकों में किसी अन्य प्रयोग के लिये निर्माण कार्य का इरादा छोड़ देना चाहिये क्योंकि इससे दलितों में आक्रोश पैदा होगा और प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
चौधरी ने कहा कि बसपा अध्यक्ष को सपा के शासन में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब नजर आती है लेकिन वह अपना शासनकाल भूल गयी हैं जब उनके कई मंत्री और विधायक बलात्कार तथा भ्रष्टाचार जैसे मामलों में जेल भेजे गये थे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 17, 2012, 11:34