Last Updated: Monday, December 12, 2011, 11:42
नई दिल्ली : दिल्ली के विकास से जुड़े एक महत्वपूर्ण विधेयक को लोकसभा ने मंजूरी दी और सरकार ने राजधानी के अगले 25 साल के विकास संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक मास्टर प्लान लाने की बात कही।
शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण के साथ विकास बड़ी चुनौती है और सरकार जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन (जेएनयूआरम) योजना के दूसरे चरण को शुरू करने पर विचार कर रही है, जिसमें पहले चरण की खामियों को दूर करने का प्रयास होगा। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान 2021 पर काम हो रहा है जिसे अगले 25 साल को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा।
दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) दूसरा विधेयक, 2011 पर चर्चा का जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा कि जब तक मास्टर प्लान के तौर पर दिल्ली के विकास का खाका तैयार होता है यह पुराना हो जाता है क्योंकि अन्य विकास संबंधी मुद्दे सामने आ जाते हैं। दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली नगरपालिका परिषद और अन्य एजेंसियों में समन्वय की कमी, इनकी खामियों और राजधानी में अनेक सुविधाओं की कमी के संबंध में सदस्यों की चिंताओं के संदर्भ में मंत्री ने कहा कि इसलिए इस बार मैंने यथोचित मास्टर प्लान के लिए एक नहीं तीन साल का समय मांगा है।
उन्होंने इस संबंध में संसद सदस्यों और राज्यों के सुझाव भी आमंत्रित किए। उन्होंने दिल्ली के विकास के लिए एमसीडी, डीडीए और दिल्ली सरकार आदि के बीच समन्वय पर जोर दिया। कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने डीडीए को निर्देश दिया है कि आने वाले समय में केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए एक लाख घर बनाने पर ध्यान दिया जाए और इसे दो लाख तक ले जाने का प्रयास किया जाए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के संबंध में वह गृह मंत्री से विचार-विमर्श करेंगे। इससे पहले, चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा सदस्यों ने कहा कि इस शहर के विकास की ओर सही से ध्यान नहीं दिया गया है। अनेक सदस्यों ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की ताकि विकास को नई दिशा दी जा सके।
First Published: Tuesday, December 13, 2011, 12:02