Last Updated: Tuesday, August 20, 2013, 10:47

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ को बताया कि कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी एंव नोएडा की उपजिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के कार्यकाल में दौरान नोएडा में 1.36 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली की गई और प्राथमिकी दर्ज की गई।
दुर्गा शक्ति के निलंबन मामले में सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर द्वारा लखनऊ पीठ में दायर याचिका में सरकार ने उनके समय के कामकाज का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया। खनन निदेशालय के संयुक्त निदेशक जयप्रकाश द्वारा दायर हलफनामे के अनुसार दुर्गा शक्ति के 6 सितम्बर 2012 से 26 जुलाई 2013 के कार्यकाल के दौरान 64 वाहन जब्त किए गए, 1.36 करोड़ रुपये की रायल्टी वसूल की गई, 112 छापे मारे गए जिसमें पांच स्वयं नागपाल द्वारा मारे गए थे।
खनन विभाग के मुताबिक अवैध खनन को लेकर 18 प्राथमिकी दर्ज की गई जिसमें दो स्वयं दुर्गा ने दर्ज कराई थी। उनके निलंबन के बाद (27 जुलाई) 19 छापे पड़ें जिनमें 12 प्राथमिकी दर्ज हुई, लेकिन इनमें कोई भी छापा या प्राथमिकी एसडीएम के स्तर पर नहीं थी।
ठाकुर के अधिवक्ता अशोक पाण्डे की दलील सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश शिव कीर्ति सिंह और न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय की पीठ सरकार की बातों से असंतुष्ट दिखी। अदालत ने राज्य सरकार से इस सम्बन्ध में विस्तृत विवरण मांगे। साथ ही यह भी पूछा कि जो प्राथमिकी हुई वे किन धाराओं में हुई और उनमें अब तक क्या कार्यवाही हुई है। अदालत ने ठाकुर की याचिका को अवैध खनन के वृहत्तर आयाम से जोड़ते हुए पूर्व में लंबित एक अन्य याचिका के साथ ही सुनवाई करने के निर्देश दिए। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 20, 2013, 10:47