Last Updated: Tuesday, August 20, 2013, 19:20

नई दिल्ली : केंद्र ने निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन के मामले में हस्तक्षेप नहीं करने का फैसला किया है क्योंकि उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निलंबित किए जाने के फैसले को चुनौती देने के लिए कोई अपील नहीं की है।
गौरतलब है कि नागपाल के निलंबन ने विवादों को जन्म दिया था। नागपाल ने उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में सक्रिय रेत खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की थी। उन्हें उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना कथित तौर पर एक स्थानीय निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार गिराने का आदेश देने के लिए पिछले महीने निलंबित किया गया था।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अधिकारी ने केंद्र के समक्ष अपील नहीं की है। इसलिए केंद्र सरकार मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी। हालांकि, वह सुनिश्चित करेगी कि समूची अनुशासनात्मक प्रक्रिया नियमों के अनुसार चलाई जाए।’ उन्होंने कहा कि नागपाल ने पहले ही उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा दिए गए आरोप पत्र का जवाब भेज दिया है।
गत 27 जुलाई को नागपाल के निलंबन के बाद केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार को तीन पत्र भेजे थे जिसमें विस्तृत रिपोर्ट की मांग की गई थी।
राज्य सरकार ने चार अगस्त को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को नागपाल के निलंबन पर एक रिपोर्ट भेजी थी और उन्हें आरोप पत्र सौंपा था जिसमें समाजवादी पार्टी सरकार ने उनकी कार्रवाई को गैर जरूरी और नियमों के खिलाफ बताते हुए उनसे जवाब मांगा गया था।
साल 2010 बैच की आईएएस अधिकारी नागपाल ने 16 अगस्त को आरोप पत्र का जवाब दिया था। उसमें ऐसा समझा जाता है कि उन्होंने नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन किया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 20, 2013, 19:20