Last Updated: Wednesday, April 10, 2013, 19:55
चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने बलात्कार के दोषी धरमपाल की फांसी पर छह मई तक रोक लगा दी है। मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की गुहार से जुड़ी याचिका पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति एके मित्तल और न्यायमूर्ति जी एस संधवालिया ने मामले को छह मई तक के लिए स्थगित कर दिया।
धरमपाल ने साल 2005 में राष्ट्रपति से दया की गुहार लगाई थी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उसकी दया याचिका को ठुकरा दिया था और आगामी 15 अप्रैल को उसे फांसी दी जानी थी। उसकी ओर से गैरसरकारी संगठन ‘लॉयर्स फार ह्यूमन राइट्स इंटरनेशनल’ ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
साल 1991 में धरमपाल को सोनीपत में एक लड़की के साथ बलात्कार के मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। 1993 में पेरोल पर जेल से बाहर आने के बाद उसने पीड़िता और उसके परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी थी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 10, 2013, 19:55