Last Updated: Thursday, March 29, 2012, 09:15
भुवनेश्वर: बीजू जनता दल के विधायक जिना हिकाका के अपहर्ताओं ने ओडिशा सरकार के उस अनुरोध को ठुकरा दिया है जिसमें बातचीत के लिए मध्यस्थता करने वाले लोगों का नाम सुझाने को कहा गया था ।
दरअसल, हिकाका की रिहाई के लिए ओडिशा सरकार ने अपहर्ताओं से वार्ताकारों का नाम सुझाने का अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने नाम सुझाने से इंकार कर दिया । जबकि, इतालवी नागरिक पाओलो बोसुस्को को माओवादियों के चंगुल से छुड़ाने की कोशिशों का कोई नतीजा नहीं निकल पाया है क्योंकि माओवादियों की ओर से नामित मध्यस्थों ने अधिकारियों की ओर से लेट-लतीफी किए जाने का आरोप लगाया है ।
ओडिशा सरकार जब लक्ष्मीपुर से बीजद के 37 साल के विधायक की रिहाई के सिलसिले में अपहर्ताओं की ओर से नाम सुझाए जाने का इंतजार कर रही थी तब भाकपा माओवादी के कोरापुट-श्रीकाकुलम संभाग की ओर से मीडिया को भेजे गए खत में कहा गया है कि वह मध्यस्थों के जरिए बातचीत कर बंधक संकट के समाधान के लिए राजी नहीं है ।
पत्र में सरकार से कहा गया कि वह जल्द से जल्द उनकी मांगें पूरी करे जिसमें हर तरह के माओवादी-विरोधी अभियान को रोका जाना, जेल में बंद माओवादियों की रिहाई और विधायक की रिहाई के लिए रैलियों और प्रदर्शनोंे का आयोजन बंद किया जाना शामिल है ।
विधायक को 24 मार्च को अगवा कर लिया गया था । मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, विधायक की पत्नी और अन्य नेताओं को संबोधित पत्र में लिखा गया है कि विलंब के कारण यदि कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। यह पत्र उस वक्त भेजा गया जब मंगलवार रात को मुख्यमंत्री ने अपहर्ताओं से वार्ता प्रक्रिया में शामिल होने की अपील की थी और प्रतिनिधियों का नाम जल्द सुझाए जाने का अनुरोध किया था ।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, March 29, 2012, 14:46