Last Updated: Saturday, June 15, 2013, 16:47

पटना : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा द्वारा चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाए जाने से नाराज जदयू के उससे रिश्ते तोड़ देने के संकेत के बीच बिहार के पशु संसाधन मंत्री गिरीराज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया है कि अगर वह इतना ही धर्मनिरपेक्ष थे तो उन्होंने वर्ष 2002 में (गुजरात दंगों के समय) अटल बिहारी वाजपेयी सरकार से इस्तीफा क्यों नहीं दे दिया।
मोदी के समर्थक माने जाने वाले गिरीराज ने शनिवार को आरोप लगाया कि बिहार में सरकार चलाने के लिए बहुमत होने को देखते हुए नीतीश ने छद्म धर्मनिरपेक्षता का सहारा लिया है।
उन्होंने नीतीश पर मुख्यमंत्री बनने और सत्ता का मेवा खाने के लिए भाजपा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
गिरीराज ने कहा कि गुजरात की घटना (दंगे) और मोदी पिछले एक दशक के दौरान नीतीश को कभी भी नहीं चुभे पर राजग से नाता तोड़ने के लिए उन्हें यकायक उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि की चिंता हुई।
जदयू के राजग से नाता तोड़ने के निर्णय को अवसरवाद की संज्ञा देते हुए गिरीराज ने कहा कि प्रदेश की 11 करोड़ जनता ने जो जनादेश दिया था उसके तहत बिहार में भाजपा-जदयू की सरकार बहुत सहज तरीके चल रही थी ऐसे में इस राजनीतिक बदलाव की कोई जरूरत नहीं थी।
गिरीराज ने कहा कि वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता ने जो जनादेश दिया था अकेले मुख्यमंत्री या जदयू को नहीं दिया था, बल्कि राजग में शामिल भाजपा और जदयू दोनों को दिया था।
गिरीराज सिंह ने कहा कि अगर नीतीश के अंदर जरा भी नैतिकता बाकी है तो वह फिर से चुनाव कराकर जनादेश हासिल करें। जदयू द्वारा संबंध तोड़ लिए जाने के संकेतों को देखते हुए भाजपा द्वारा बिहार सरकार में शामिल अपने मंत्रियों को वापस बुलाने पर विचार किए जाने की बात से इंकार करते हुए गिरीराज ने कहा कि भाजपा यह नहीं चाहती कि राजग में टूट का आरोप उसपर लगे।
भाजपा के नेताओं द्वारा जदयू पर संबंध तोड़कर दगा करने का आरोप लगाए जाने के बारे में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी इसमें विश्वास नहीं रखती बल्कि जदयू शुभकामना, प्रेम और करुणा की भावना में विश्वास रखती है।
जदयू सांसद अली अनवर ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की फिलवक्त घोषणा से बचने के लिए उन्हें चुनाव प्रचार अभियान समिति का प्रमुख बनाए जाने के भाजपा के बहाने पर कहा, ‘आप कबतक छिपोगे पत्ते की आड़ में, एक दिन तो दिखोगे बीच बाजार में’।
उन्होंने कहा कि भाजपा जो बुजुगों और महिलाओं के सम्मान और भारतीय संस्कृति की बात करती है, वह उनका कितना सम्मान कर रही है यह जगजाहिर है।
अनवर ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता सुषमा स्वराज की ओर इशारा करते हुए पार्टी द्वारा आरएसएस के इशारे पर इन दोनों को दरकिनार करने का आरोप लगाया। (एजेंसी)
First Published: Saturday, June 15, 2013, 16:47