नीतीश ने बजट पर चिदंबरम को दी बधाई

नीतीश ने बजट पर चिदंबरम को दी बधाई

नीतीश ने बजट पर चिदंबरम को दी बधाई पटना: वित्तीय वर्ष 2013-14 के केंद्र के बजट भाषण में विशेष राज्य का दर्जा के लिए वर्तमान मानदंड के परिवर्तन के उल्लेख को बिहारियों की मांग की सैद्धांतिक जीत करार देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बधाई दी।

संसद में आज पेश किये गये केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि बिहार विशेष राज्य के दर्जा के लिए पुराने मानदंडों को बदलने की लंबे समय से मांग कर रहा है। केंद्रीय वित्तमंत्री ने बजट भाषण में विशेष राज्य का दर्जा के लिए वर्तमान मानदंड को परिवर्तन की बात कही है और सिद्धांत तौर पर स्वीकार किया है कि विशेष राज्य के मानदंड में परिवर्तन की जरूरत है। यह बिहार के लोगों के लिए सैद्धांतिक जीत है। पी चिदंबरम बधाई के पात्र हैं। आशा है कि इस सैद्धांतिक घोषणा को अमली जामा पहनाया जायेगा।

विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से नीतीश ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण के बाद बजट भाषण में भी विशेष राज्य का दर्जा के वर्तमान मानदंडों को बदलने की बात कही गयी है। इसके लिए चिदंबरम बधाई के पात्र हैं। विकास के विभिन्न राष्ट्रीय औसत से पिछड़े बिहार सहित अन्य राज्यों की मांग का समर्थन है। यह एक अच्छा घटनाक्रम है। आशा है कि केंद्र सरकार जल्द ही मानदंड परिवर्तन के बारे में निर्णय लेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जा की मांग रोचक दौर में पहुंच चुकी है। अब जदयू द्वारा आगामी 17 मार्च को नयी दिल्ली में होने वाली रैली का महत्व और बढ गया है। अब संकेत है कि केंद्रीय वित्त आयोग और योजना आयोग से भी पिछडेपन के आधार पर केंद्रीय राशि मिलेगी।

केंद्रीय चित्तमंत्री चिदंबरम की तारीफ से राजनीतिक समीकरण बदलने के मायने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। बिहार जैसे अन्य पिछडे राज्यों का रास्ता खुल गया है। सभी को एक साथ आना चाहिए।

केंद्रीय बजट में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी की झलक के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि इस बजट को चुनाव के दृष्टिकोण से तैयार किया गया है। यह बात तो साफ है कि यह लोकसभा चुनाव के पहले अंतिम पूर्ण बजट है। अगला बजट हाफ बजट होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट भाषण में बिहार की मांग के समर्थन में जो बाते कही गयी हैं उससे विरोधियों की आंखें खुल जानी चाहिए। हमने हमेशा तर्क और तथ्य के आधार पर बात कही है। हमें आशा है कि बिहार राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत 11वीं पंचवर्षीय योजना की तरह बीआरजीएफ के विंडो से विशेष मदद दी जारी रहेगी। ’’ नीतीश ने कहा कि प्रसन्नता की बात है कि केंद्रीय मंत्री ने पूर्वी क्षेत्र में कृषि की संभावना को स्वीकार किया है और पिछले वर्ष की तुलना में बढोतरी की है। यह अब भी नाकाफी है। हमने कृषि रोडमैप बनाया है इसके लिए मदद बढाई जानी चाहिए।

खाद्य सुरक्षा के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह सांकेतिक (टोकन) और अपर्याप्त है। मुख्यमंत्री ने अपनी ड्रीम प्रोजेक्ट नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण की गति को तेज करने के वायदे के लिए भी चिदंबरम की तारीफ की।

उन्होंने कहा कि केंद्र ने नांलदा विश्वविद्यालय को सेंटर फोर एक्सीलेंस आफ लर्निग के रूप में विकसित करने का वायदा किया है। इसके लिए पर्याप्त राशि का भी प्रावधान करना चाहिए।

नीतीश ने कहा कि औद्योगिक गलियारे को दक्षिण और पश्चिमी भारत में विकसित किया गया है लेकिन पिछड़े राज्यों के लिए कुछ नहीं रह गया है। इस क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए ही तो पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग हो रही है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, February 28, 2013, 16:28

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