Last Updated: Friday, December 7, 2012, 13:50
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार से परामर्श किए बिना कुलाधिपति देवानंद कुंवर द्वारा नियुक्त किए गए छह विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और चार प्रति कुलपतियों की नियुक्ति को आज रद्द कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रेखा एम. दोषित और न्यायमूर्ति ए. अमानुल्लाह की एक खंडपीठ ने पिछले वर्ष कुलाधिपति कुंवर द्वारा नियुक्त किए गए छह कुलपतियों और चार प्रति कुलपतियों (प्रो वीसी) की नियुक्ति को रद्द कर दिया। अदालत ने कुलाधिपति को एक सप्ताह के अंदर छह कुलपतियों और चार प्रति कुलपतियों के लिए नए सिरे से एक सूची बनाकर उनका नाम राज्य सरकार को सिफारिश करने को कहा है। वहीं राज्य सरकार को 30 दिनों भीतर इन पदों पर नियुक्ति करने का आदेश दिया गया है।
प्रो. जनार्दन सिंह ने बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 और पटना विश्वविद्यालय अधिनियम का हवाला देते हुए छह कुलपतियों और चार प्रतिकुलपतियों की नियुक्ति को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार से परामर्श किये बिना की गई नियुक्तियां अवैध है।
अदालत के फैसले से पटना विश्वविद्यालय के कुलपति शंभूनाथ सिंह, बीआरए विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के विमल कुमार, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के रामविनोद सिंह, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के कुलपति अरुण कुमार, मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति मोहम्मद शम्सुजोहा, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति अरविंद कुमार पांडेय की नियुक्ति रद्द हो गई है। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 7, 2012, 13:50