Last Updated: Friday, August 30, 2013, 15:13
इंदौर : दहेज के लिये अपनी पत्नी को सांवली होने का ताना देकर परेशान करने को घरेलू हिंसा की श्रेणी में रखते हुए यहां अदालत ने एक सेल्स मैनेजर को आदेश दिया कि वह उससे अलग रह रही ब्याहता को हर महीने पांच हजार रुपये का गुजारा भत्ता अदा करे।
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) आरके रावतकर ने शहर की एक निजी कंपनी में बतौर सेल्स मैनेजर काम करने वाले सुरेश कुमावत (33) को अपनी पत्नी अंजलि (28) के भरण-पोषण के लिये यह मासिक रकम चुकाने का आदेश दिया।
जेएमएफसी ने 26 अगस्त को दिये आदेश में कहा, ‘आवेदक (अंजलि) पर्याप्त कारणों से अपने पति से अलग रह रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि उसे दहेज की मांग के कारण उसके पति और अन्य लोगों द्वारा सांवली कहा गया तथा उसके साथ मानसिक और शारीरिक रूप से घरेलू हिंसा की गयी।’ अदालत ने कहा कि यह प्रमाणित होता है कि कुमावत ने वर्ष 2010 से अलग रह रही अपनी पत्नी के भरण-पोषण का दायित्व निभाने में उपेक्षा बरती।
अंजलि के वकील केपी माहेश्वरी ने आज बताया कि उनकी मुवक्किल की शादी वर्ष 2003 में कुमावत के साथ हुई थी। शादी के वक्त ससुरालियों ने लाखों रुपये का दहेज लेने के बाद अंजलि से वादा किया था कि वे एमबीए की डिग्री हासिल करने की उसकी इच्छा पूरी करने में मदद करेंगे और पढ़ाई खत्म होने तक संतान पैदा करने के लिये उस पर किसी तरह का दबाव नहीं डालेंगे।
माहेश्वरी ने कहा, ‘शादी के बाद अंजलि के ससुरालियों ने अपना वादा तोड़ दिया और वे उसे दहेज के लिये परेशान करने लगे। मेरी मुवक्किल के पति ने उसे सांवली होने का लगातार ताना देते हुए धमकाया कि अगर उसके मायके वालों ने पांच लाख रुपये के दहेज का इंतजाम नहीं किया, तो वह दूसरी शादी कर लेगा।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, August 30, 2013, 15:13