Last Updated: Tuesday, December 13, 2011, 07:37
ज़ी न्यूज ब्यूरो लखनऊ : उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को लोकपाल मसले पर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने प्रधानमंत्री और ग्रुप ‘सी’ के कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने की मांग की। साथ ही, कहा कि सीबीआई भी लोकपाल के नियंत्रण में होना जरूरी है।
मायवती ने कहा कि लोकपाल विधेयक को लेकर केंद्र सरकार का रवैया काफी ढुलमुल है। सरकारी लोकपाल बिल काफी कमजोर है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बसपा सर्वदलीय बैठक में लोकपाल विधेयक का इसके वर्तमान स्वरूप में विरोध करेगी और संसद में लोकपाल विधेयक का इसके वर्तमान स्वरूप में विरोध करेगी।
मायावती ने प्रस्तावित लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री तथा ग्रुप ‘सी’ एवं ‘डी’ के कर्मचारियों को लाने तथा संबंधित मसविदे को भारतीय संविधान के अनुरुप संघीय ढांचे का सम्मान करते हुए तय किए जाने की मांग करते हुए मंगलवार को कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनकी पार्टी इस विधेयक का डटकर विरोध करेगी।
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी का मत है कि प्रस्तावित लोकपाल विधेयक में प्रधानमंत्री तथा ग्रुप ‘सी’ एवं ‘डी’ के कर्मचारियों को भी लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकपाल बिल का मसविदा आम सहमति से, भारतीय संविधान के अनुरुप एवं संघीय ढांचे का सम्मान करते हुए तय किया जाना चाहिए। इसके साथ ही सरकार को डाक्टर अंबेडकर की सोच और भावनाओं का आदर करते हुए लोकपाल संस्था तथा उससे जुड़ी समितियों में सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाले पदों पर पिछड़ों को भी उचित प्रतिनिधित्व देना चाहिए।
मायावती ने कहा कि हमारा कांग्रेस नीत केंद्र सरकार से कहना है कि अगर उसने हमारी बातों पर अमल नहीं किया तो हमारी पार्टी मौजूदा बिल का कतई समर्थन नहीं करेगी और इसका डटकर विरोध करेगी। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहां तक लोकपाल बिल को लाने का सवाल है तो इस मामले में कांग्रेस की ढुलमुल नीति साफ तौर पर दर्शाती है कि कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए मजबूत तंत्र नहीं बनने देना चाहती, क्योंकि सबसे ज्यादा कांग्रेस के ही मंत्री और नेता इसकी जद में आएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टूजी घोटाला, आदर्श सोसाइटी घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला जैसे अनेक प्रकरणों में कांग्रेस नेताओं की संलिप्तता की वजह से केंद्र सरकार मजबूत लोकपाल नहीं लाना चाहती। मायावती ने कहा कि पूरे देश की जनता यह भी जानती है कि विदेशी बैंकों से काला धन वापस लाने के मामले में केंद्र सरकार जानबूझकर खाताधारकों के नाम मालूम नहीं कर रही है। जिनके नाम विदेशी बैंकों ने दिए हैं उन्हें भी सरकार छुपा रही है। इससे जाहिर है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कितनी गंभीर है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को कारगर और सशक्त लोकपाल विधेयक लाना चाहिए, इसलिए संबंधित बिल को पारित करने से पहले यह तय किया जाना चाहिए वह अपने मकसद में कामयाब हो।
मायावती ने कहा कि लोकपाल के प्रावधान स्पष्ट होने चाहिए ताकि उनकी जानकारी आम आदमी को आसानी से हो सके। उन्होंने कहा कि इस विधेयक की पहुंच खास लोगों तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिये ताकि आम जनता को भी इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार एक गम्भीर मुद्दा है और देश में राजनीति के अपराधीकरण की जननी भ्रष्टाचार ही है।
उन्होंने कहा कि कालाधन वापस लाने के लिए भी केंद्र सरकार गंभीर नहीं है। इस संबंध में अभी तक कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं और न ही कोई कारगर कदम उठाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्थाई समिति की सिफारिशों मानी गई तो इससे भ्रष्टाचार नहीं मिटेगा।
उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त की सिफारिश पर अभी तक कई कार्रवाई की गई है। इस तरह की बातें बेबुनियाद है कि राज्य में इस संबंध में शिकायत मिलने के बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
First Published: Wednesday, December 14, 2011, 00:49