Last Updated: Tuesday, June 18, 2013, 22:35

अहमदाबाद : गुजरात पुलिस द्वारा एक कथित फर्जी मुठभेड़ में तीन अन्य लोगों के साथ मौत के घाट उतार दी गयी मुंबई की इशरत जहां की मां शमीमा कौसर ने मंगलवार को दावा किया कि उनकी बेटी ‘बेगुनाह’ थी । शमीमा ने अपनी दलील को सही ठहराने के लिए इस मामले में कई पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी का हवाला दिया ।
शमीमा ने कहा, ‘मैं पिछले नौ साल से लड़ रही हूं और हर किसी को बता रही हूं कि मेरी बेटी बेगुनाह थी । यह सही साबित हुआ है क्योंकि मेरी बेटी की हत्या में शामिल कई आला पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है और जल्द ही कुछ और अधिकारी सलाखों के पीछे होंगे ।’
अपनी वकील वृंदा ग्रोवर की ओर से जारी एक लिखित बयान में शमीमा ने कहा, ‘अगस्त 2004 में उच्च न्यायालय में दायर अपनी रिट याचिका में भी मैंने यही बात कही थी और अपनी बेटी की बेगुनाही साबित करने और उसके हत्यारों को सजा दिलाकर उसे इंसाफ दिलाने के लिए सीबीआई जांच की मांग की थी ।’
बयान में लिखा था, ‘पिछले नौ साल से गुजरात सरकार ने जांच में बाधा डालने, देरी करने और इसे भटकाने के लिए अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया है ताकि इस गुनाह में शामिल लोग कानूनी जवाबदेही से बच सकें ।’
गौरतलब है कि 15 जून 2004 को इशरत जहां, जावेद उर्फ प्राणेश पिल्लई और दो अन्य को अहमदाबाद अपराध शाखा ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था । गुजरात पुलिस की दलील थी कि वे दहशतगर्द थे जो गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने के लिए आए थे । (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 18, 2013, 22:35