Last Updated: Friday, July 27, 2012, 14:34

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनउ में अपनी नेता मायावती की मूर्ति खंडित किये जाने से नाराज बहुजन समाज पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल से मुलाकात करके सूबे में जंगलराज कायम होने का आरोप लगाया और राज्यपाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की।
राजभवन के सूत्रों ने यहां बताया कि प्रदेश विधानसभा में बसपा तथा विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, विधान परिषद में उनके समकक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी तथा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर की सदस्यता वाले प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल बीएल जोशी से मुलाकात करके उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि बसपा अध्यक्ष मायावती की प्रतिमा को खंडित करने की शर्मनाक घटना प्रदेश सरकार के कामकाज के तरीके पर सवालिया निशान लगाती है।
ज्ञापन के मुताबिक मायावती की मूर्ति तोड़ा जाना जहां एक ओर सरकार के निकम्मेपन को उजागर करती है वहीं दूसरी ओर प्रदेश में गुण्डों, माफियाओं और अपराधियों के बुलंद हौसलों को जाहिर करती है। दस्तावेज में मांग की गयी है कि राज्य में अमन-चैन और कानून का राज कायम करने के लिये राज्यपाल को सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश करनी चाहिए।
ज्ञापन में मायावती की मूर्ति तोड़ने वालों की तत्काल गिरफ्तारी करके उनके खिलाफ एससी-एसटी कानून तथा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कठोर कार्रवाई करने तथा राज्य के सभी स्मारकों, स्थलों तथा पार्को में सशस्त्र बल तैनात करने की मांग भी की गयी है।
गौरतलब है कि लखनउ स्थित अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल परिसर में स्थित मायावती की मूर्ति को उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के कुछ कार्यकर्ताओं ने कल खंडित कर दिया था। इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया था। देर रात मायावती की दूसरी मूर्ति को उसी जगह स्थापित किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 27, 2012, 14:34