बाबाओं पर नियामक संबंधित आदेश से कोर्ट का इनकार

बाबाओं पर नियामक संबंधित आदेश से कोर्ट का इनकार

लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने ज्योतिषियों और बाबाओं के लिए सरकारी नियंत्रक संस्था बनाए जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर कोई निर्देश पारित करने से मंगलवार को इंकार कर दिया और कहा कि यह विधायिका का कार्यक्षेत्र है।

लखनऊ निवासी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी एवं सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की तरफ से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा और न्यायमूर्ति डी़ क़े उपाध्याय की पीठ ने कहा कि वर्तमान में भी इस तरह के गलत लोगों पर कार्रवाई किए जाने के लिए औषधि और जादुई उपचार अधिनियम जैसे कानूनी प्रावधान हैं, लेकिन इसके आगे इन गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए आदेश करने का अधिकार अदालत के पास नहीं है। भले ही इसकी कितनी भी आवश्यकता हो, क्योंकि यह विधायिका का कार्यक्षेत्र है।

याचिका के अनुसार, देश में काफी बड़ी संख्या में ज्योतिषी और बाबा मौजूद हैं, जिनका गरीब और अशिक्षित लोगों पर पर्याप्त प्रभाव है। इनमें से ज्यादातर लोग अपनी सेवाओं के बदले लोगों से विभिन्न रूपों में धन प्राप्त करते हैं। ठाकुर दंपति ने आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तरों पर ज्योतिषियों, बाबाओं आदि के लिए व्यावसायिक संस्थाएं बनाए जाने की मांग की थी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, September 3, 2013, 13:43

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