Last Updated: Sunday, November 4, 2012, 14:45

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि जिस प्रकार बिहार के इतिहास के बिना देश का इतिहास नहीं लिखा जा सकता है, उसी प्रकार बिना बिहार के विकास के देश के समावेशी विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने अगले वर्ष मार्च में दिल्ली में अधिकार रैली करने का भी एलान कर दिया। पटना के गांधी मैदान में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर जनता दल (युनाइटेड) द्वारा आयोजित अधिकार रैली को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा बिहार का हक है लकिन इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समय तक नहीं देते।
उन्होंने कहा कि विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की गई। इसके अलावा राज्य के करीब 1.25 करोड़ लोगों का हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा गया।
मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि तकनीकी कारणों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने की बात की जाती रही है परन्तु तर्क के आधार पर वे इन कारणों को बदलना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि बिहार पर्वतीय राज्य नहीं है, न ही यह समुंद्र से घिरा है। जो खान व प्राकृति संसाधन थे वह झारखण्ड में चले गए। बिहार के पास कुछ है तो यहां के मेहनती लोग।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार अब भी यदि बिहार के साढ़े दस करोड़ लोगों की आवाज नहीं सुनती है तो मार्च में दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली का आयोजन किया जाएगा और उस मौके पर भी पटना की तरह दिल्ली को भी बिहारियों से पाट दिया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, November 4, 2012, 13:55