मनमोहन ने लोकतंत्र की परिभाषा बदल दी: मोदी

मनमोहन ने लोकतंत्र की परिभाषा बदल दी: मोदी

मनमोहन ने लोकतंत्र की परिभाषा बदल दी: मोदी भुज: मल्टी ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई की अनुमति देने के लिए मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री ने भारतीय लोकतंत्र की परिभाषा को बदलकर ‘विदेशियों का, विदेशियों के द्वारा और विदेशियों के लिए’ कर दिया है।

मोदी ने कच्छ जिले में यहां विवेकानंद यूथ कन्वेंशन में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘अब से कलम, पेंसिल, नोटबुक आपके पड़ोस का दुकानदार नहीं बेचेगा बल्कि कोई गोरा (विदेशी) बेचेगा। इसलिए, स्थानीय व्यापारी रोजगार खोएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने दुनिया को लोकतंत्र की प्रसिद्ध परिभाषा ‘जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए’ दी लेकिन हमारे मनमोहन सिंह जी ने हमें विदेशियों का, विदेशियों के द्वारा और विदेशियों के लिए’ की नयी परिभाषा दी है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि मल्टी ब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति का फैसला उस वक्त लिया गया जब वैश्विक निर्माताओं और घरेलू उत्पादकों के बीच कोई समान अवसर नहीं है।

मोदी ने कहा कि कांग्रेस नीत सरकार ने संसद को अंधेरे में रखकर रातोंरात खुदरा कारोबार में एफडीआई लागू कर दिया और संसद के भीतर किए गए वादे को तोड़ा है। मोदी ने असम से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के बावजूद हिंसा को रोकने के लिए कारगर कदम नहीं उठाने के लिए प्रधानमंत्री पर दोषारोपण किया।


उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेशियों विदेशियों ने असम में अपने अधिकार पर जोर देना शुरू कर दिया है और असम से निर्वाचित हमारे प्रधानमंत्री मौन हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अगर आप इन दो मुद्दों असम में विदेशियों द्वारा हिंसा और खुदरा कारोबार में एफडीआई की अनुमति को एक साथ रखें तो यह विदेशियों के प्रति केंद्र सरकार के प्रेम को साफ तौर पर दर्शाता है। मोदी के साथ कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी मौजूद थे। (एजेंसी)





First Published: Friday, September 21, 2012, 16:19

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