Last Updated: Saturday, September 8, 2012, 19:39
यवतमाल : महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में कर्ज के बोझ तले दबे चार और किसानों ने आत्महत्या कर ली है, जिससे विदर्भ क्षेत्र में इस साल आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या बढ़कर 536 हो गई है।
गैर सरकारी संगठन ‘विदर्भ जन आंदोलन समिति’ ने यहां एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि इन चारों किसानों ने कथित तौर पर कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। इस हफ्ते हुई भारी बारिश से इन लोगों की खड़ी फसल बर्बाद हो गई थी, जिससे वे परेशान थे। मृतकों के नाम पुंडलीक उके, दीपक वाजपेयी, अतुल कुटे और सीताराम राठौड़ है। ये सभी लोग जिले के विभिन्न गांवों के रहने वाले हैं।
गैर सरकारी संगठन ने बताया कि इस घटना के साथ विदर्भ में इस साल आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या बढ़कर 536 हो गई है। आत्महत्या की ये ताजा घटनाएं उस वक्त प्रकाश में आई, जब महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार कल यवतमाल में एक जनता दरबार लगाया था। समिति के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने बताया, ‘विदर्भ में कृषि संबंधी संकट लगातार सातवें साल जारी है। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक वर्ष 2005 से 9000 से अधिक किसानों ने अपनी फसल के बर्बाद होने और कपास की कीमतें घटने से हुए वित्तीय नुकसान से परेशान होकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।’
तिवारी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और निर्यात संबंधी सरकार की गलत नीतियों के चलते कपास की कीमतों में कमी आई। तिवारी ने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और इस बात पर विचार करने को कहा कि किसान कपास और सोया की बजाय कम सिंचाई की आवश्यकता वाली ज्वार और बाजरा जैसी फसलें उगाएं। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 8, 2012, 19:39