Last Updated: Thursday, September 20, 2012, 18:14
लखनऊ : केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों, डीजल की कीमतों में वृद्घि, रसोई गैस की राशनिंग और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के भारत बंद का उत्तर प्रदेश में व्यापक असर देखा गया। बंद के दौरान पूरे राज्य में जहां यातायात व्यवस्था पर असर पड़ा वहीं रेल सेवाएं बाधित होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
सूबे के कई शहरों में ऑटो, टैक्सी चालकों और व्यापारी संगठनों के बंद में शामिल होने की वजह से जनजवीन पर काफी असर पड़ा। कानपुर, सूबे के कई शहरों में ऑटो, टैक्सी चालकों और व्यापारी संगठनों के बंद में शामिल होने की वजह से जनजवीन पर काफी असर पड़ा। कानपुर, लखनऊ , वाराणसी, इलाहाबाद में प्रदर्शनकारियों ने जबरन स्कूलों, कॉलेजों और बाजारों को बंद करा दिया। कई जगहों पर पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।
भाजपा की ओर से सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में कार्यकर्ताओं का नेतृत्व किया। उनकी अगुवाई में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने विधानसभा से लेकर लाल बाग तक मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया। पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में राजनाथ ने कांग्रेस, सपा और बसपा को बहुत खरी खोटी सुनाई। राजनाथ ने कहा कि सपा और बसपा का कांग्रेस का विरोध महज छलावा है। एक तरफ तो वे कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं दूसरी ओर सड़कों पर उतरकर उनका विरोध कर रहे हैं।
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए राजनाथ ने कहा कि कांग्रेस सरकार अब यह शिगूफा छोड़ रही है कि कांग्रेस शासित राज्यों में रियायती दर पर 9 सिलेंडर दिए जाएंगे। कांग्रेस केवल जनता को गुमराह कर रही है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 20, 2012, 18:14