Last Updated: Saturday, April 13, 2013, 10:38
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोजयपुर : राजस्थान सरकार ने खिलाड़ियों के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ या जमात-ए-इस्लामी से जुड़ने पर बैन लगा दिया है। सरकार का कहना है कि अगर कोई खिलाड़ी आरएसएस या जमाते इस्लामी में से किसी भी संगठन से जुड़ा होगा तो सरकार उसे कोई सम्मान नहीं देगी। इस नीति पर अमल करते हुए कई खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। लेकिन उन्हें पहले इस बात का शपथपत्र भरना पड़ा कि उनका आरएसएस या जमाते इस्लामी से कोई संबंध नहीं है।
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक पाने वाले वेट लिफ्टर विशाल सिंह को राजस्थान सरकार ने दो लाख रुपए का पुरस्कार देकर सम्मानित किया। लेकिन पहले विशाल से इसका शपथ पत्र भरवाया गया कि उनका जुड़ाव राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ या जमाते इस्लामी से नहीं है। शपथ पत्र में साफ तौर पर ये शर्त लिखी गई है।
सरकार के इस फैसले से खिलाड़ी और प्रशिक्षक हैरान हैं। खिलाड़ी सवाल उठा रहे हैं कि जब वे मैदान में उतरे और मेडल जीते तब तो सरकार ने उनसे ये शपथ पत्र नहीं मांगा था कि आप किस संगठन से जुड़े हैं। उधर, राज्य खेल परिषद ने सफाई देते हुए कहा है कि शर्त राज्य सरकार ने लगाई है। वह तो सिर्फ आदेश का पालन कर रही है।
राजस्थान में सात महीने बाद विधानसभा चुनाव है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ चुनाव में भाजपा के लिए बड़ी भूमिका निभाता है। भाजपा और संघ को झटका देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खेल में सियासी दांव खेला है। इससे पहले राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए भी ये शर्त जोड़ी गई थी, लेकिन काफी हंगामे का बाद सरकार को रुख बदलना पड़ा था।
First Published: Saturday, April 13, 2013, 10:38