Last Updated: Wednesday, February 29, 2012, 05:34
ज़ी न्यूज ब्यूरोकानपुर/भोपाल : आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की हत्या की गुत्थी सुलझने की दिशा में बढ़ती दिख रही है। कानपुर पुलिस ने मंगलवार देर रात बेकनगंज इलाके में छापा मारकर हत्याकांड में शामिल सुपारी किलर शूटर इरफान को गिरफ्तार कर लिया है।
इरफान को बुधवार को शहर की एक स्थानीय अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अनवरगंज के उपाधीक्षक समीर सौरभ ने बताया कि शहला मसूद हत्याकांड में वांछित इरफान को एसटीएफ की टीम ने कल रात बेकनगंज के तलाक महल इलाके से गिरफ्तार किया था। उसके ऊपर एसटीएफ की टीम पर हमले के आरोप में धारा 307 तथा एक देशी पिस्तौल व कारतूस बरामदगी के लिए आर्म्स एक्ट लगाया गया था। उन्होंने बताया कि इरफान को पुलिस मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ले गई, जहां से अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। सीबीआई टीम भोपाल से चल चुकी है, लेकिन अभी तक कानपुर नही पहुंची है।
उन्होंने कहा कि शहला मसूद हत्याकांड में वह भोपाल में वांछित है, जब सीबीआई इसे यहां से लेकर जाएगी तो उस पर अन्य आरोप तय करेगी। उसने पुलिस पार्टी पर हमला किया और इसके पास से एक नाजायज हथियार बरामद हुआ था। इसलिए उसे गिरफ्तार किया गया।
बताया जा रहा है कि इरफान कानपुर का एक कुख्यात अपराधी है, जिसने अपने एक साथी सोनू के साथ भोपाल जाकर शहला की हत्या की थी। इसके लिए उसे दो लाख रुपए की सुपारी दी गई थी। सीबीआई एक महिला आर्किटेक्ट जाहिदा परवेज को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। जाहिदा पर आरोप है कि उसी ने भाड़े के हत्यारों को पैसे देकर शहला की हत्या करवाई। उधर, भोपाल से खबर है कि सीबीआई ने जाहिदा के एमपी नगर स्थित कार्यालय को सील कर दिया है।
कानपुर से एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार आरोपी इरफान ने पूछताछ में कबूल किया कि इस हत्याकांड में तीन लोग शामिल थे और खुद उसे शहला को मारने के लिए तीन लाख रुपए में सुपारी मिली थी। इरफान ने बताया कि शहला को मारने की सुपारी उसे शानू के जरिए मिली थी। मामले में कथित तौर पर शामिल तीन लोगों में से मुख्य अभियुक्त शानू ओलंगा कानपुर का एक कुख्यात शूटर था जिसकी नवंबर 2011 में हत्या कर दी गई।
पुलिस आज इरफान को अदालत में पेश कर रही है। उसे हिरासत में लेने के लिए भोपाल से सीबीआई का एक दल शहर आ रहा है। इरफान को मंगलवार देर रात बेकनगंज से गिरफ्तार किया गया और उसके पास से एक देशी पिस्तौल तथा कारतूस मिले हैं।
इरफान पर हत्या के प्रयास से लेकर विभिन्न आरोपों में आधा दर्जन से अधिक मामले शहर के बेकनगंज पुलिस थाने में दर्ज हैं। स्थानीय पुलिस उपाधीक्षक समीर सौरभ के अनुसार, इस हत्याकांड की सुपारी शानू ओलंगा को भोपाल में किसी ने दी थी तथा इरफान और सलीम शानू के कहने पर 10 अगस्त को भोपाल गए। इस काम के लिए उसे तीन लाख दिए जाने की बात कही थी लेकिन उसे केवल दो लाख रुपए ही दिए गए और कहा गया कि बाकी रकम बाद में मिलेगी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि ओलंगा, इरफान,शानू और सलीम 10 अगस्त 2011 को भोपाल गए और 16 अगस्त को इन लोगों ने शहला मसूद की कथित तौर पर हत्या कर दी तथा कानपुर लौट आए। इरफान ने पुलिस को यह भी बताया कि जिस महिला (शहला मसूद) को मारा गया था उसके बारे में उसे शानू ने बताया गया था कि वह एक अच्छी महिला नहीं थी तथा वह सही काम नहीं करती थी। इरफान के अनुसार, उसने हत्या की सुपारी लेने के बाद अपने पांव पीछे खींच लिए थे लेकिन फिर शानू ओलंगा के समझाने के बाद वह मान गया था। इरफान का यह भी कहना है कि शहला को गोली उसने नहीं बल्कि शानू ओलंगा ने मारी थी और वह तो केवल उन लोगों के साथ था।
उधर, नवंबर के अंतिम सप्ताह में कानपुर के कुख्यात बदमाश शानू ओलंगा की कचहरी के सामने बाइक सवार दो युवकों ने दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी थी। उसकी हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार दो शातिर बदमाशों के नाम रईस बनारसी और गुड्डू थे और पुलिस का दावा था कि रईस बनारसी ने शानू ओलंगा से पुरानी रंजिश के चलते उसकी हत्या की। पुलिस के अनुसार, इरफान और ओलंगा के तीसरे साथी सलीम के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। खबर लिखे जाने तक भोपाल से सीबीआई का दल कानपुर नहीं पहुंचा था।
First Published: Thursday, March 1, 2012, 00:26