Last Updated: Wednesday, May 1, 2013, 22:46
नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगा मामलों में संदेह का लाभ मिला क्योंकि पीड़ितों में से एक और अहम गवाह जगदीश कौर ने न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा आयोग के समक्ष 1985 में दर्ज कराए गए अपने बयान में उनका नाम आरोपी के तौर पर नहीं लिया था।
पांच सिखों की हत्या से संबंधित 29 साल पुराने मामले में कुमार को बरी करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश जे आर आर्यन ने अपने 129 पन्ने के फैसले में कहा कि बाद में पीड़िता जगदीश कौर की गवाही कि उसने कुमार को अपने भड़काऊ भाषण से उग्र भीड़ को उकसाते हुए देखा था ‘अस्वीकार्य है और विश्वसनीय नहीं है।’ बाद के बयान में नेता का नाम आने पर अदालत ने कहा, ‘यह तथ्य का मामला है कि जब प्रत्यक्षदर्शी और शिकायतकर्ता जगदीश कौर ने न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा आयोग के समक्ष 1985 में अपना हलफनामा सौंपा था तो उन्होंने किसी भी तरीके से सज्जन कुमार के नाम का उल्लेख नहीं किया था। हालांकि, अन्य आरोपियों का नाम लिया था।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 1, 2013, 22:46