Last Updated: Tuesday, October 1, 2013, 14:25
ज़ी मीडिया ब्यूरो/रामानुज सिंहजोधपुर: नाबालिग से यौन शोषण मामले में जोधपुर जेल में बंद आसाराम बापू को हाईकोर्ट में भी राहत नहीं मिली। राजस्थान हाईकोर्ट आज (मंगलवार को) उनकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी। अभी आसाराम को जेल में ही रहना पड़ेगा। आसाराम के लिए जमानत की पैरवी देश के जाने माने वकील राम जेठमलानी ने की। सरकारी वकील ने कहा, आसाराम बच्चों के साथ यौन शोषण करते थे। साथ ही कहा, आसाराम पिडोफाइल हैं।
गत सुनवाई पर आसाराम की ओर से वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने आसाराम के बेगुनाह होने के बारे में कुछ और साक्ष्य और शपथ पत्र पेश करने के लिए एक अक्टूबर का समय देने का आग्रह किया था।
वहीं इससे पहले सोमवार को एक स्थानीय अदालत ने आसाराम और उनके सहायक शिवा की न्यायिक हिरासत 11 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी थी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अन्य मुख्य आरोपी शिल्पी की पुलिस हिरासत भी तीन और दिन के लिए बढ़ा दी थी। इन तीनों आरोपियों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया था। उस दौरान आसाराम के समर्थक नारेबाजी कर रहे थे और गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आसाराम के समर्थक मीडियाकर्मियों से भिड़ गए थे।
इस मामले में आसाराम को एक सितंबर को और उसके कुछ दिन बाद उनके सहयोगी शिवा को गिरफ्तार किया गया था। शिल्पी ने पिछले सप्ताह को अदालत में आत्मसमर्पण किया था। शिल्पी पर 16 साल की लड़की को मनाई आश्रम भेजने का इंतजाम करने का आरोप है जहां आसाराम ने अगस्त में कथित रूप से उसका यौन उत्पीड़न किया था।
गौरतलब है कि कि दिल्ली पुलिस में आसाराम के खिलाफ एक 16 साल की नाबालिग लडकी ने शिकायत दर्ज करायी कि जोधपुर आश्रम में हाल ही में आसाराम ने उसका कथित यौन उत्पीडन किया। हालांकि आसाराम इन आरोपों से साफ इनकार कर चुके हैं और उन्होंने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
First Published: Tuesday, October 1, 2013, 10:00