सीएम अखिलेश यादव ने IAS दुर्गाशक्ति नागपाल के निलंबन को ठहराया सही । Akhilesh defends IAS Durga`s suspension, denies sand mafia role

सीएम अखिलेश यादव ने IAS दुर्गाशक्ति नागपाल के निलंबन को ठहराया सही

सीएम अखिलेश यादव ने IAS दुर्गाशक्ति नागपाल के निलंबन को ठहराया सहीज़ी मीडिया ब्‍यूरो

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के नोएडा में खनन माफिया के खिलाफ अभियान चलाने वाली आईएएस अफसर दुर्गाशक्ति नागपाल के निलंबन को लेकर मचे बवाल के बीच मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को निलंबन कार्रवाई को सही ठहराया। साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा कि इस मामले में खनन माफिया की कोई भूमिका नहीं है।

अखिलेश यादव ने नोएडा की उपजिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल के निलंबन की कार्रवाई को सही करार देते हुए गुरुवार को कहा कि जो भी अधिकारी गैरजिम्मेदाराना तरीके से काम करेगा और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

अखिलेश ने यहां राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में दुर्गाशक्ति से जुड़े प्रकरण संबंधी सवाल पर कहा कि नोएडा के कादलपुर गांव में मुसलमान चंदा इकट्ठा करके मस्जिद बनाना चाहते थे। उपजिलाधिकारी ने किसी से राय-मशविरा किए बगैर कार्रवाई की। इससे वहां का माहौल खराब हुआ।

उन्होंने कहा कि इस घटना से पूरे प्रदेश का माहौल खराब हो सकता था। अधिकारियों को जिम्मेदारी से काम करना पड़ेगा। सरकार ने ठीक कार्रवाई की है। अखिलेश ने साफ किया कि दुर्गाशक्ति के निलंबन के पीछे खनन माफिया का कोई हाथ नहीं था। उन्होंने कहा कि माहौल ठीक रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है। अगर कहीं माहौल खराब होता है तो अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी ही। एक तरफ तो आप (मीडिया) कहते हैं कि कार्रवाई नहीं हो रही है, जब होती है तो सवाल खड़े करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम खुद नहीं चाहते कि किसी अधिकारी के साथ गलत बर्ताव हो। जहां तक अधिकारी द्वारा अपना पक्ष रखने की बात है तो वह अपनी बात कहे।
गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी द्वारा इस मामले में भेजी गई रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी की क्या रिपोर्ट है, एलआईयू की क्या है, उसकी भी आप जानकारी कर लें। जो कार्रवाई हुई है, ठीक हुई है। जो बात सामने आएगी वह आपके (मीडिया) के सामने भी आएगी।

प्रदेश के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने भी कल दुर्गाशक्ति के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई को सही ठहराया था। उन्होंने कहा था कि सरकार लापरवाही बरतने वाले किसी भी अफसर के खिलाफ कार्रवाई करेगी और दुर्गाशक्ति के खिलाफ भी वही कार्रवाई हुई है। इसमें खनन माफिया की कोई भूमिका नहीं है। गौरतलब है कि दुर्गाशक्ति को गौतमबुद्ध नगर सदर तहसील के रबुपुरा क्षेत्र स्थित कादलपुर गांव में एक निर्माणीधीन मस्जिद की दीवार को अदूरदर्शितापूर्ण तरीके से हटवाने के कारण साम्प्रदायिक सौहार्द प्रभावित होने के आरोप में 27 जुलाई की रात को निलम्बित करके उन्हें राजस्व परिषद लखनऊ से सम्बद्ध कर दिया गया था।

दुर्गाशक्ति ने हाल के दिनों में नोएडा में यमुना और हिन्डन नदी के तटवर्ती इलाकों में चल रहे अवैध खनन के विरुद्ध अभियान चला रखा था और अवैध खनन के मामले में लगभग दो दर्जन प्राथमिकियां दर्ज करवाई थीं। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि दुर्गाशक्ति का निलंबन सत्तारुढ़ दल से जुड़े अवैध खनन माफियाओं के दबाव में किया गया है। वर्ष 2010 बैच की इस आईएएस अफसर के निलम्बन मामले को चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के रजिस्ट्री विभाग में दायर की गई है।

First Published: Thursday, August 1, 2013, 13:26

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