Last Updated: Saturday, July 13, 2013, 12:15
ज़ी मीडिया ब्यूरोरांची : झारखंड से राष्ट्रपति शासन हटाए जाने की राज्यपाल की अनुशंसा को राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त होने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन ने राज्य के नौवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। आदिवासी नेता और झामुमो प्रमुख के पुत्र सोरेन को राज्यपाल सैयद अहमद ने राजभवन परिसर में स्थित बिरसा मंडप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्य में कांग्रेस विधायक दल के नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह और राजद विधायक दल की नेता अन्नपूर्णा देवी ने भी मंत्रियों के तौर पर शपथ ली।
पृथक झारखंड बनने के बाद 13 साल से भी कम समय में नौवें मंत्रिमंडल की अगुवाई कर रहे हेमंत पांचवे आदिवासी मुख्यमंत्री हैं। झारखंड 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया था और तब से इसकी कमान चार आदिवासी नेता बाबूलाल मरांडी (एक बार), अर्जुन मुंडा (तीन बार), शिबू सोरेन (तीन बार) और मधु कोड़ा (एक बार) संभाल चुके हैं।
इससे पहले राज भवन को राज्य में केंद्रीय शासन हटाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राष्ट्रपति की सहमति के बारे में आधिकारिक पत्र मिला। उसके बाद झारखंड के राज्यपाल सैयद अहमद ने झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन को राज्य में वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। राज्यपाल के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने बताया कि राज्य में केंद्रीय शासन हटाए जाने की केंद्रीय मंत्रिमंडल की अनुशंसा को कल देर रात राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त होने के बाद हेमंत सोरेन को आमंत्रण दिया गया।
झामुमो विधायक दल के नेता सोरेन ने कांग्रेस, राजद, छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के लिए 9 जुलाई को दावा किया था। उन्होंने 82 सदस्यीय विधानसभा में 43 विधायकों का समर्थन प्राप्त होने का दावा करते हुए राज्यपाल को इन विधायकों के नामों की सूची सौंपी थी। समझा जाता है कि सदन में विश्वास मत हासिल करने के बाद वह मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे।
राज्य में छह माह पहले राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था जिसकी अवधि 18 जुलाई को खत्म होनी थी। झारखंड में करीब छह महीने से चला आ रहा राष्ट्रपति शासन आज हटा दिया गया। राष्ट्रपति भवन द्वारा आज सुबह जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने झारखंड राज्य के संदर्भ में 18 जनवरी 2013 को जारी घोषणा को वापस लेते हुए आज (13 जुलाई 2013) संविधान के अनुच्छेद 356 की धारा (2) के तहत घोषणा पर हस्ताक्षर कर दिए। राज्य में 18 जनवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
झामुमो ने अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में भाजपा नीत सरकार से 8 जनवरी को समर्थन वापस ले लिया था जिसके बाद 18 जनवरी को झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। प्रदेश में झामुमो ने भाजपा को 11 सितंबर 2010 को समर्थन दिया था और उन दिनों राज्य में लगा राष्ट्रपति शासन इस समर्थन के बाद समाप्त हो गया था। इससे पहले 24 मई 2010 को शिबू सोरेन नीत गठबंधन से भाजपा ने खुद को अलग कर दिया था क्योंकि उस साल लोकसभा में एक प्रस्ताव के दौरान झामुमो ने संप्रग के पक्ष में मतदान किया था।
भाजपा के शिबू सोरेन नीत गठबंधन से खुद को अलग करने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। नवंबर दिसंबर 2009 में झारखंड में संपन्न विधानसभा चुनावों में खंडित जनादेश मिलने के बाद यह तीसरी सरकार गठित हुई है।
झारखंड में वर्ष 2009 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद का घटनाक्रम इस प्रकार हैं।23 दिसंबर, 2009: राज्य के दूसरे विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश आया।
25 दिसंबर: झारखंड मुक्ति मोर्चा :झामुमो: प्रमुख शिबू सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।
27 दिसंबर: राज्यपाल ने सोरेन को सरकार बनाने का न्यौता दिया।
30 दिसंबर: सोरेन ने राज्य के सातवें मुख्यमंत्री के तौर पर सपथ ग्रहण की ।
2010, 7 जनवरी : विश्वास मत 27 अप्रैल, सोरेन ने लोकसभा में आए अविश्वास प्रस्ताव में संप्रग के समर्थन में मतदान किया।
28 अप्रैल: भाजपा संसदीय बोर्ड ने झामुमो से समर्थन वापस लेने का निर्णय किया। जेएमएम ने सोरेन की गलती के लिए माफी मांगी।
29 अप्रैल: भाजपा ने समर्थन वापसी का अपना फैसला टाला।
18 मई: अर्जुन मुंडा और सोरेन के बीच बारी बारी से सत्ता बंटवारे पर सहमति बनी।
20 मई: सोरेन ने एक बार फिर संप्रग के पक्ष में मतदान किया।
24 मई: भाजपा ने सोरेन से समर्थन वापस लिया।
30 मई: सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया।
1 जून: राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा।
7 सितंबर: अर्जुन मुंडा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।
9 सितंबर: राष्ट्रपति शासन हटा।
11 सितंबर: मुंडा ने राज्य के आठवें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण किया।
वर्ष 2012 मई में: सोरेन ने भाजपा को सत्ता बंटवारा फार्मूले की याद दिलाई।
25 दिसंबर: उप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुंडा को पत्र लिख कर बारी बारी से सत्ता बंटवारे की नीति पर भाजपा का रख साफ करने को कहा।
3 जनवरी: मुंडा ने झामुमो को दिए लिखित जवाब में कहा कि 28 महीने बाद सत्ता बटवारे को लेकर उनके साथ कोई समझौता नहीं हुआ है।
7 जनवरी: झामुमो ने भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा की।
8 जनवरी: अर्जुन मंडा ने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई, विधानसभा भंग करने की सिफारिश की और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा।
8-13 जनवरी: झामुमो नया गठबंधन बनाने में असफल रहा।
14 जनवरी: राष्ट्रपति शासन की सिफारिश।
18 जनवरी: राज्य में तीसरी बार राष्ट्रपति शासन लागू।
9 जुलाई: झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।
10 जुलाई: राज्यपाल सैयद अहमद ने राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश की।
11 जुलाई: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश की।
12 जुलाई: राष्ट्रपति से केंद्रीय शासन हटाने की सहमति मिलने के बाद राज्यपाल ने हेमंत सोरेन को शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया।
13 जुलाई: हेमंत सोरेन ने राज्य के नौवें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
First Published: Saturday, July 13, 2013, 10:22