MLA अगवा मामले में नवीन ने की समीक्षा - Zee News हिंदी

MLA अगवा मामले में नवीन ने की समीक्षा



भुवनेश्वर : इतालवी बंधक संकट के समाधान से राहत महसूस कर रहे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक आज माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले कोरापुट पहुंचे जहां 37 वर्षीय आदिवासी विधायक झीना हिकाका को माओवादियों ने बंधक बना रखा है। कोरापुट पहुंचने के तत्काल बाद पटनायक ने जिले के नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की और आंध्र ओडिशा बार्डर स्पेशल जोन कमेटी आफ सीपीआई (माओवादी) के माओवादियों द्वारा बीजद विधायक के अपहरण से उत्पन्न हालात की समीक्षा की। इस बैठक में जनजातीय और अनुसूचित जाति मंत्री लाल बिहारी हिमिरिका ,कोरापुट के सांसद, कोरापुट और जैपुर के विधायक, जिला परिषद अध्यक्ष और अधिकारी शामिल हुए।

 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पटनायक की जिले की यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि माओवादियों ने ऐसी मांगें रखी हैं, जिन्‍हें पूरा करना कठिन लगता है ओैर मुख्यमंत्री हिकाका को रिहा कराने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इतालवी नागरिक पाउलो बिसुस्को की कल हुई रिहाई के बाद राज्य सरकार अब विधायक बंधक संकट को सुलझाने में पर्याप्त समय दे पाएगी। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान मुख्य रूप से स्थानीय नेताओं से बातचीत की है और उसका लक्ष्य हिकाका की सुरक्षित और शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न माध्यमों का पता लगाना है।

 

सूत्रों ने संकेत किया कि हालांकि सरकार की मंशा माओवादियों की कट्टर माओवादी चेंदा भूषणम उर्फ घासी समेत 30 कैदियों को रिहा करने की मांग को मानने की नहीं है लेकिन, कोई समाधान तो निकाला ही जाएगा। राज्य सरकार ने जिन 23 कैदियों की रिहाई करने का फैसला किया है वह चाहती है कि उनकी तरफ से अदालतों में जमानत याचिकाएं डाली जाएं। एओबीएसजेडसी के माओवादियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर बैठकें करने में वक्त जाया किया अथवा कोई चाल चलने की कोशिश की तो वह हिकाका के भविष्य का फैसला ‘प्रजा अदालत’ में करने के लिए बाध्य हो जाएंगे। उधर, राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि 23 कैदियों की रिहाई के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है और उनकी जमानत याचिकाओं को शीघ्रातिशीघ्र दाखिल किया जाएगा।

 

बोसुस्को की रिहाई के बाद हिकाका की पत्नी कौशल्या ने एक बार फिर माओवादियों से अपने पति को तत्काल बिना किसी नुकसान पहुंचाये छोड़ने की अपील की है। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि राज्य सरकार उनके पति को रिहा कराने के लिए आगे कदम उठाएगी।

 

हिकाका के अपहर्ता अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं तथा मध्यस्थों के माध्यम से किसी तरह की बात से इनकार कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि अब सरकार माओवादियों के समर्थन वाले सीएमएएस से कुछ मदद मांगने की कोशिश करती हुई दिखाई दे रही है। माओवादी चाहते हैं कि हिकाका की पत्‍नी रिहा किए गए 30 विद्रोहियों को लेकर नक्सल प्रभावित नारायणपटना इलाके के बालिपेटा पहुंचें। उनके साथ दो मध्यस्थ भी हों, जिन्होंने इतालवी बंधकों के संकट को निपटाने के लिए सरकारी प्रतिनिधियों से बातचीत की थी। हालांकि नक्सलियों की अनेक मांगों पर पहले ही राजी हो चुकी राज्य सरकार किसी को भी वहां जाने देने के पक्ष में नहीं है। मुख्यमंत्री हालात का जायजा लेने के बाद लक्ष्मीपुर का भी दौरा कर सकते हैं और अपहृत विधायक के परिजनों से मुलाकात कर सकते हैं। माओवादियों ने 24 मार्च को हिकाका का अपहरण किया था।

(एजेंसी)

First Published: Friday, April 13, 2012, 18:00

comments powered by Disqus