Last Updated: Monday, January 28, 2013, 15:30

इलाहाबाद : अमिताभ बच्चन के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन पर कुरान की अवमानना करने का अरोप लगाया गया था। न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने यह याचिका खारिज कर दी। इस याचिका में हिन्दी सिनेमा के इस विख्यात अभिनेता पर उनके गेम शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के दौरान पवित्र कुरान के बारे में कथित तौर पर ‘दुर्भावनावश’ और ‘भड़काउ’ टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था।
याचिका झांसी के निवासी मुदस्सिरउल्ला खान ने दायर की थी। उन्होंने पवित्र कुरान के संदर्भ में उक्त गेम शो में अमिताभ द्वारा पढ़े गए पद्य में ‘रचे गये’ शब्दों पर आपत्ति जताई थी। ‘कौन बनेगा करोड़पति’ की यह कड़ी 28 सितंबर 2011 को प्रसारित हुई थी। याचिकाकर्ता का तर्क था कि ‘पवित्र कुरान को न तो किसी ने लिखा है और न ही किसी ने तैयार किया है बल्कि यह खुद अल्लाह द्वारा भेजी गई पुस्तक है इसलिए इसके संदर्भ उपयोग किए गए पद्य में इसे ‘रचा गया’ बताया जाना गंभीर अपराध है।’ खान ने यह भी दलील दी थी कि अमिताभ एक लोकप्रिय हस्ती हैं और उनके द्वारा कहे गए शब्द सभी समुदायों पर असर डालते हैं।
बहरहाल, न्यायमूर्ति मिश्रा ने याचिकाकर्ता के तर्क से असहमति जताई और कहा कि ‘रचा गया’ कहने का मतलब निश्चित रूप से यह नहीं है कि कुरान किसी व्यक्ति द्वारा लिखा गया है। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि इस पद्य की एक व्याख्या यह भी हो सकती है कि पवित्र पुस्तक की रचना खुद अल्लाह ने की है।
याचिका के माध्यम से खान ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और झांसी के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेशों को भी चुनौती दी थी। इन आदेशों में खान के, भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत धार्मिक भावनाएं आहत करने संबंधी धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के आग्रह, ठुकरा दिए गए थे।
खान ने कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उनकी शिकायत को बिना सोचे समझे और गैरकानूनी तरीके से खारिज कर दिया वहीं जिला न्यायाधीश ने उनकी शिकायत मामूली करार देते हुए खारिज कर दी थी। जिला न्यायाधीश ने खान के आग्रह को अस्वीकार करते हुए यह भी कहा था कि किसी भी स्कूल, संस्थान या मुस्लिम समुदाय ने अमिताभ द्वारा पढ़े गए पद्य पर न कोई आपत्ति जताई है और न ही कोई ‘फतवा’ जारी किया है। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 28, 2013, 14:53