Last Updated: Sunday, July 8, 2012, 18:35

जी न्यूज ब्यूरो
मुम्बई : बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने हर बार की तरह अपने कार्यक्रम ‘सत्यमेव जयते’ में गम्भीर मुद्दे को संवेदनशील तरीके से उठाया। रविवार को प्रसारित अपने कार्यक्रम में आमिर ने जाति प्रथा की उन बुराइयों को उजागर किया जिनको उठाना लोग मुनासिब नहीं समझते।
सत्यमेव जयते के 10वें भाग में भारतीय समाज में जातिगत भेदभाव और खास समुदाय एवं जाति के प्रति अपनाए जाने वाले रवैये को प्रमुखता से उठाया गया।
कार्यक्रम में शरीक दिल्ली विश्वविद्यालय में संस्कृत की प्रोफेसर डॉ. कौशल पंवार ने कहा कि एक पिछड़ी जाति के परिवार में जन्म लेना सजा से कम नहीं है।
कौशल ने बताया कि जिस स्कूल में उन्होंने शिक्षा ग्रहण की उस स्कूल में उनकी ड्रेस अन्य विद्यार्थियों की ड्रेस से अलग थी और ऐसी व्यवस्था स्कूल के अधिकारियों की ओर से लागू की गई थी ताकि वे विभिन्न समुदाय के बच्चों को पहचान सकें।
कौशल ने बताया कि पिता की लगातार हौसला अफजाई की वजह से आज वह इस मुकाम तक पहुंच सकीं।
वहीं, कार्यक्रम में शरीक अन्य प्रतिभागी फिल्म निर्माता स्टालिन के. ने कहा कि जाति प्रथा पर गलत अवधारणाएं केवल हिंदू समाज में ही नहीं बल्कि मुस्लिम, ईसाई और सिख में भी व्याप्त है। स्टालिन ने ‘इंडिया अनटज्ड’ नाम से फिल्म भी बनाई है।
इसके अलावा कार्यक्रम में हाथ से गंदगी की सफाई करने वाले लोगों के मसले को भी उठाया गया। कार्यक्रम के अंत में आमिर ने लोगों से जातिप्रथा की बुराइयों एवं हाथ से गंदगी की सफाई करने के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की।
First Published: Sunday, July 8, 2012, 18:35