Last Updated: Tuesday, August 27, 2013, 21:00

लंदन : मोटापा खुद अपने आप में एक बीमारी है। मोटापा घटाने के लिए लोग तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं। इसमें से एक है खाने में कैलोरी की मात्रा कम करना। लेकिन यह याद रखना चाहिए कि हर व्यक्ति की पाचन शक्ति अलग-अलग होती है। इसलिए लोगों को अपनी पाचन शक्ति के अनुसार भोजन में कैलोरी की मात्रा लेनी चाहिए।
एक शोध से पता चला है कि एक औंस बादाम खाने से 170 कैलोरी हमारे भीतर पहुंचती है, लेकिन हमारा शरीर सही मयाने में उससे सिर्फ 129 कैलोरी ही हासिल कर पाता है। इसके ठीक विपरीत यदि डिब्बा बंद परिष्कृत भोजन करते हैं तो उसमें दी गई मात्रा से अधिक कैलोरी हमारे शरीर में पहुंच जाती है।
डिब्बा बंद परिष्कृत भोजन पर सवाल उठाया जा रहा है कि क्या रासायनिक फूड पैकेजिंग से बच्चों में मोटापा बढ़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि उससे उनके कमर का साइज बढ़ जाता है और इसके बढ़ने से बच्चों में बडे होकर अथवा कुछ ही समय बाद मधु मेह की संभावना बढ़ जाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह यदि कैलोरीज गणना के हिसाब से लिए जाएं तो उसके अनुरूप पूरी कैलोरी मिलने की संभावना नहीं रहती है। पिछले वर्ष ही बादाम के खाने से मिलने वाली कैलोरी पर एक शोध हुआ है जिसमें पाया गया है कि जितना बादाम आप लेते हैं, उससे मिलने वाली कैलोरी में 25 प्रतिशत का फर्क होता है।
मोटापा घटाने के लिए कैलोरी बढ़ाने की बजाए यदि आसानी से पाचन होने वाले पौष्टिक भोजन की मात्रा पर ध्यान दिया जाए तो इससे आप स्वस्थ रहेंगे और मोटापा भी घटेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि कैलोरी की गिनती का जो सिस्टम है वह पुराना पड़ चुका है और आज के संदर्भ में वह औचित्यहीन हो गया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 27, 2013, 21:00