Last Updated: Wednesday, November 27, 2013, 19:28
हैदराबाद : योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा (कैड) सकल घरेलू उत्पाद का 2.5 से 2.7 प्रतिशत के बीच रहेगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि रपये का मौजूदा स्तर दुनिया की अन्य मुद्राओं के मुकाबले प्रतिस्पर्धी है।
उन्होंने कहा, ‘यह मेरा विचार है कि यह तीन फीसदी से कहीं कम रहेगा। हालांकि, उस समय वित्त मंत्रालय ने कहा था कि यह काफी अच्छा रहेगा, और शायद उन्होंने 3.7 फीसदी कहा था।’ अहलूवालिया ने यहां इंडियन स्कूल आफ बिजनेस के एक कार्यक्रम में कहा, ‘अच्छी खबर यह है कि यह 3 प्रतिशत से नीचे रहेगा। उल्लेखनीय रूप से 3 फीसद से कम। यदि मुझे कोई आंकड़ा देना हो तो मैं कहूंगा 2.5 से 2.7 फीसदी के बीच।’
कैड देश में विदेशी मुद्रा के अंत: और बाह्य प्रवाह का अंतर होता है। पिछले वित्त वर्ष में यह 88.2 अरब डालर यानी जीडीपी का 4.8 फीसदी रहा था। वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में यह 56 अरब डालर या कम रहेगा। रुपये में हाल में आई गिरावट के बारे में अहलूवालिया ने कहा कि फिलहाल रुपये की स्थिति खराब नहीं है, खासकर कुछ माह पहले की स्थिति को देखते हुए। उन्होंने कहा, ‘मैं रुपये की मौजूदा स्थिति को खराब नहीं कहूंगा। निर्यात भी अच्छा है। 62 से 63 रुपये डालर की दर काफी प्रतिस्पर्धी है।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 27, 2013, 19:28